सरकार ने क्यों ब्लॉक कर दिए 3.2 लाख सिम कार्ड, देख लें कारण
केंद्र ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी है कि सरकार की ओर से सिम कार्ड्स को लेकर एक कड़ा कदम उठाया गया है।
असल में सरकार की ओर से ऐसा कहा गया है कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट की गई 3.2 लाख से अधिक सिम कार्ड और 49,000 IMEI को ब्लॉक कर दिया गया है।
गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा से यह सवाल किया गया कि आखिर सरकार की ओर से
निवेश और अन्य प्रकार के घोटालों को बढ़ावा देने वाली अवैध वेबसाइटों के खतरे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए, सरकार ने कहा है कि, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के तहत
नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली को वर्ष 2023 में 36 राज्यों से साइबर धोखाधड़ी की लगभग 11.28 लाख शिकायतें मिलीं।
उत्तर में कहा गया है कि इन शिकायतों से अनुमान लगाया गया कि लगभग 921.59 करोड़ रुपये का वित्तीय फ्रॉड हुआ है।
सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से 1,97,546 शिकायतें, महाराष्ट्र से 1,25,153 शिकायतें और गुजरात से 1,21,701 शिकायतें दर्ज की गईं।
वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए एक प्रणाली शुरू की गई है।
इस शुरुआत के बाद से लगभग 1200 करोड़ से अधिक के फ्रॉड रोक लिए गए जो 4.7 लाख से ज्यादा शिकायतों से जुड़े थे।
ऑनलाइन साइबर शिकायतें दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' भी चालू किया गया है।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ,
जनता को साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए I4C के एक भाग के रूप में
राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल' (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया गया है।
जवाब में कहा गया है कि इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाएं,
उन्हें एफआईआर में बदलना और उसके बाद की कार्रवाई को संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है।