एक हताश और निराश पुलिस वाले को जिंदगी का सबसे बड़ा केस तब मिलता है जब एक पत्रकार की हत्या की कोशिश में चार संदिग्धों को पकड़ लिया जाता है। जांच उसे 'पाताल लोक' की ओर ले जाती है, जहां उसके सामने चौंकाने वाले खुलासे होते हैं।
लिस्ट की तीसरी फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में सुल्तान और शाहिद खान के बीच झगड़े ने खान को वासेपुर से निकालने पर मजबूर कर दिया और तीन पीढ़ियों तक चलने वाले एक खूनखराबे को जन्म दिया।
दृश्यम फिल्म में एक परिवार से गलती से एक हत्या होने के बाद उस परिवार का एक आदमी (अजय देवगन) उन्हें सजा से बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है।
यह फिल्म एक महत्वाकांक्षी फिल्म निर्देशक की कहानी बताती है, जो अपने पिता की मृत्यु के बाद एक पुलिस ऑफिसर बन जाता है और एक सीरियल किलर को पकड़ने की कोशिश करता है।
यह कहानी एक एगोराफोबिक (भीड़ से डरने वाली) लड़की की है, जो बीती हुई भयानक घटना से परेशान है। वह खुद को अपने ही घर में फंसा हुआ और आतंकित पाती है।
'साइको' फिल्म में फीनिक्स की एक सेक्रेटरी अपने एम्प्लॉयर के ग्राहक के 40,000 डॉलर चुरा कर भाग जाती है और एक दूर दराज़ के मोटल में रुकती है जिसे एक जवान आदमी चलाता है, जो अपनी माँ के दबाव में रहता है।
फिल्म "रमन राघव 2.0" असली जिंदगी के सीरियल किलर रमन राघव से प्रेरित है। रमन राघव ने 1960 के दशक के आखिर में मुंबई में कई बेघर लोगों को मार डाला था।
सच्ची घटनाओं पर आधारित यह कहानी एक मानसिक रूप से परेशान माँ के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी बेटियों को अपराध की जिंदगी जीने के लिए मजबूर करती है।
एक शहर एक सिरफिरे हत्यारे के खौफ में जी रहा है और पुलिस पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। आखिरकार अर्जुन और एंड्रयू हत्यारे को पकड़ लेते हैं, लेकिन वह भाग जाता है और फिर से हर तरफ अफरातफरी फैल जाती है।
मोहन कुमार, जो पहले सरकारी दफ्तर में काम करते थे, एक दुर्घटना में घायल हो जाते हैं, जिससे उनकी पूरी ज़िन्दगी बदल जाती है। घटनास्थल से मिली एक रिवॉल्वर एक संदिग्ध से जुड़ी हुई है।
छोटे शहर के एक आदमी को एक राजनेता की बेटी परेशान कर रही है। वह उससे शादी करना चाहती है और इसके लिए कुछ भी कर सकती है। अपनी जिंदगी वापस पाने के लिए वह आदमी एक बड़ा फैसला लेता है।
यह कहानी आर्या सरीन के इर्द-गिर्द घूमती है। आर्या एक अच्छी पत्नी और माँ है। लेकिन वह थोड़ी सीधी-सादी है और इस बात से अनजान है कि उसका पति गैरकानूनी धंधे में शामिल है। एक दवा कंपनी के मालिक - तेज सरीन की रहस्यमय तरीके से मौत हो जाने के बाद उसके परिवार के लिए सब कुछ बदल जाता है।
'जाने जाँ' फिल्म की कहानी का सार कुछ इस तरह है कि, एक अकेली माँ और उसकी बेटी एक अपराध कर बैठती हैं। उनकी मदद के लिए उनका पड़ोसी पुलिस की जांच में उनका साथ देता है।
यह फिल्म शान सेनगुप्ता के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पुराना सोल्जर है। उसे हथियारों के एक सौदागर के गुप्त दल में घुसपैठ करनी है ताकि उसके पूरे साम्राज्य को खत्म किया जा सके।
3 अक्टूबर 2014 की रात को डेविड ब्रिगैनज़ा नाम का एक आदमी हत्या करने के बाद पुलिस से भाग जाता है। एक बन रहे पुलिस स्टेशन के पीछे छिपते समय वह विजय सालगांवकर (अजय देवगन) को वहां से निकलते हुए देख लेता है। बाद में उससे इस बारे में पूछताछ की जाती है।
बॉबी देओल की फिल्म आश्रम में काल्पनिक शहर काशिपुर में एक साम्राज्य है जिसे "काशीपुर वाले बाबा निराला" नाम के एक खुद घोषित किए गए भगवान ने बनाया है। उनकी ताकत समाज के गरीब और कमजोर तबके पर उनके दबाव से आती है।
NH10 फिल्म में वीकेंड की छुट्टी मनाने जाते समय एक शादीशुदा जोड़े का ख्वाब तब भयानक सपने में बदल जाता है, जब उनका सामना एक खतरनाक गैंग से होता है।
इसके बाद आती है Ferrous की बारी जिसमें एक किराए पर गाड़ी चलाने वाला व्यक्ति असल में गुंडा होता है। उसे एक लाश को ठिकाने लगाने का काम मिलता है। बीच रास्ते में भाग रहे एक लड़के और लड़की की जोड़ी उसे लूट लेती है।
यह कहानी रायकर परिवार के सबसे छोटे सदस्य की मौत के बारे में है। शुरुआत में तो यह आत्महत्या लगती है, लेकिन बाद में पता चलता है कि यह एक प्लान्ड मर्डर था।
यह कहानी एक भारतीय वकील मोनिका मेहरा के इर्द-गिर्द घूमती है। वह सेना के एक मुठभेड़ मामले की जांच करते हुए एक साजिश का पर्दाफाश करती है।