परमाणु हथियारों का इतिहास और काम

द्वारा Team Digit | अपडेटेड May 23 2016
परमाणु हथियारों का इतिहास और काम

नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन (Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन (nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परम्परागत विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार (weapons of mass destruction) कहे जाते हैं।

द्वितीय विश्वयुद्ध में सबसे अधिक शक्तिशाली विस्फोटक, जो प्रयुक्त हुआ था, उसका नाम 'ब्लॉकबस्टर' (blockbuster) था। इसके निर्माण में तब तक ज्ञात प्रबलतम विस्फोटक ट्राईनाइट्रोटोलुईन (TNT) का 11 टन प्रयुक्त हुआ था। इस विस्फोटक से 2000 गुना अधिक शक्तिशाली प्रथम परमाणु बम था जिसका विस्फोट टी. एन. टी. के 22,000 टन के विस्फोट के बराबर था। अब तो प्रथम परमाणु बम से बहुत अधिक शक्तिशाली परमाणु बम बने हैं।

परमाणु हथियारों का इतिहास और काम

परिचय

सभी पदार्थ तत्वों से बने होते हैं. हाइड्रोजन, कार्बन, ऑक्सीजन, स्वर्ण आदि सभी तत्व हैं. परमाणु किसी तत्व का सम्भवतः सबसे छोटा कण है. इसका व्यास एक मीटर के 1,000 करोड़वें (यानी करीब 10 अरब) हिस्से के बराबर होता है. प्रत्येक तत्व के अपने विशिष्ट गुणधर्मी परमाणु होते हैं. प्रत्येक पदार्थ अरबों परमाणुओं से बना होता है. सभी जीवित और निर्जीव वस्तुएँ पदार्थ से बनी होती हैं. परमाणु का एक अन्दरूनी हिस्सा नाभिक या न्यूक्लियस कहलाता है जो प्रोटोन और न्यूट्रॉन कणों से मिलकर बना होता है. यह नाभिक इलेक्ट्रॉन कणों से घिरे रहते हैं जो नाभिक के चारों ओर एक विशिष्ट पथ आवर्त में चक्कर लगाते रहते हैं.

परमाणु बम में विस्फुटित होने वाला पदार्थ यूरेनियम या प्लुटोनियम होता है. यूरेनियम या प्लुटोनियम के परमाणु विखंडन (Fission)से ही शाक्ति प्राप्त होती है. इसके लिए परमाणु के केंद्रक (nucleus) में न्यूट्रॉन (neutron) से प्रहार किया जाता है. इस प्रहार से ही बहुत बड़ी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है. इस प्रक्रम को भौतिक विज्ञानी नाभिकीय विखंडन (nuclear fission) कहते हैं.

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किस देश ने किया सबसे पहला परीक्षण

बीसवीं सदी में कई देशों ने परमाणु परीक्षण किए थे. पहला परमाणु परीक्षण अमेरिका ने 16 जुलाई, 1945 में किया था जिसमें 20किलोटन का परीक्षण किया गया था. अब तक का सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण सोवियत रूस में 30 अक्तूबर 1961 को किया गया था जिसमें 50 मेगाटन के हथियार का परीक्षण किया गया था. इसके बाद भारत ने सन् 18 मई, 1974 में पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया. दूसरा परमाणु परीक्षण सन् 1989 में पोखरन में ही हुआ. 25 मई, 2009 को उत्तरी कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया था.दुनिया भर में इस वक्त नौ देशों के पास करीब 16,300 परमाणु बम हैं.

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पहली परमाणु त्रासदी

इतिहास में पहली बार अमेरिका ने ही हिरोशिमा पर परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया था. हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु बमबारी 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम "लिटिल बॉय" गिराया था। तीन दिनों बाद अमरीका ने नागासाकी शहर पर "फ़ैट मैन" परमाणु बम गिराया.

इस हमले के कारण एक लाख चालीस लोगों की मौत हो गई थी, जबकि शहर की कुल आबादी ही तीन लाख पचास हजार ही थी. इस हमले के तीन दिन बाद यानि नौ अगस्त को अमेरिका ने जापान के दूसरे समृद्ध शहर नागासाकी पर फिर परमाणु बम गिराया और एक बार फिर जनसंहार हुआ। इस घटना के छह दिन बाद जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया और दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति हुई.

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रेडिएशन के प्रभाव

मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से मरम्मत करने की प्रक्रिया निरन्तर चलती रहती है. कई बार ऐसा भी होता है कि ये क्षतिग्रस्त अणु गलत तरीके से आपस में जुड़ जाते हैं. ऐसे में इनका प्रभाव कोशिकाओं की गतिविधियों पर पड़ सकता है. यदि विकिरण ज्यादा हो और कम अवधि में हुआ हो तो शरीर का प्राकृतिक मरम्मत करने वाला तन्त्र ही बिगड़ जाता है और वह सही कार्य नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में विकिरण का प्रभाव तुरन्त देखा जाता है.

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भारत और परमाणु बम

भारतीय परमाणु आयोग ने पोखरण में अपना पहला भूमिगत परिक्षण 18 मई 1974 को किया था. हालाकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है. बाद में 11 और 13 मई 1998 को पाँच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया.

भारत मे 11 व 13 मई 1998 को बुद्ध-स्थल पर राजस्थान के पोखरण मे दो तीन परमाणु विस्फोट होने से सारे विश्व मे तहलका मच गया था. अब भारत भी परमाणु शक्तियों मे संपन्न है. परीक्शण के इन धमाको से सारा संसार चकीत रह गया। परीक्शण स्थल के आस-पास के मकानों मे भी दरारें पड गई.