CES 2015 के बाद से आसुस ने ज़ेनफ़ोन 2 के 4GB फीचर की मार्केटिंग बड़े जोर शोर से की है. पर जैसा कि हमने पहले भी कहा था, केवल रैम और कैमरा के अलावा एक स्मार्टफ़ोन में और भी बहुत सी चीजें होती हैं. एक बढ़िया फ़ोन उसे ही कहा जा सकता है जिसमें इनका समावेश एक सही कीमत के साथ हो. हमें कुछ समय के लिए यह फ़ोन इस्तेमाल करने के लिए मिला, तो हम आपके सामने इसकी तुलना इसके प्रतियोगियों से, और ताईवानी कंपनियों से करके आपके सामने रख रहे हैं. इस तुलना में हम कैमरा के शॉट्स को भी शामिल कर रहे हैं.
इससे पहले हम शुरुआत करें, हम आपको ज़ेनफ़ोन 2 से प्रतिस्पर्धा लेने या टक्कर देने वाले फ़ोन के बारे में बता देते हैं. ये फ़ोन बाज़ार के सबसे वाइब्रेंट सेगमेंट में प्रवेश करने वाला है और इसे सीधी टक्कर देने में सक्षम हैं, वनप्लस वन और श्याओमी Mi4. इन स्मार्टफ़ोन की भी काफी चर्चा रह चुकी है और यह काफी अन्य प्रभावी स्मार्टफोंस को भी टक्कर दे चुके हैं. लेकिन अब इनकी सीधी टक्कर आसुस ज़ेनफ़ोन 2 से होने वाली है.
हॉनर 6 भी इसका एक बड़ा प्रतिद्वंदी हो सकता है, पर इसका मूल्य काफी ज्यादा होने के कारण अभी हम इसे इस तुलना में शामिल नहीं कर रहे हैं. ज़ेनफ़ोन 2 का रिव्यु करने के बाद ही हम इसके बारे में ज्यादा कुछ कह पायेंगे. तो इसमें ज्यादा कुछ न जोड़ते हुए हम अगली स्लाइड में इसकी परफॉरमेंस की बात करते हैं.
एनटूटू बेंचमार्क
आसुस का ज़ेनफ़ोन के लिए इंटेल के साथ जुड़ना एक सफल प्रयास माना जा सकता हैं. वनप्लस वन और श्याओमी Mi4 में इंटेल एटम Z3580 के साथ स्नेपड्रैगन 801 का होना दोनों स्मार्टफ़ोन के अंतर काफी कम कर देता है. किसी एक का चुनाव करना सच में आसान नहीं है. अगर आपको वनप्लस वन और Mi4 के विषय में थोडा भी आईडिया है तो आपको ज़ेनफ़ोन 2 भी पसंद आने वाला है.
3D मार्क आइस स्टॉर्म अनलिमिटेड
यह दिखा रहा है कि ज़ेनफ़ोन 2 वनपलिस वन और Mi4 के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चल रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि बाकी दो फ़ोन तो इसमें अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इंटेल-पोवर्ड ज़ेनफ़ोन 2 यहाँ इतना बढ़िया नज़र नहीं आ रहा है. हालांकि यह 10,000 से ज्यादा स्कोर के काफी नज़दीक पहुँच चुका है.
ग्रीकबेंच 3
यह पूरे स्मार्टफ़ोन की परफॉरमेंस को मापता है, इसमें सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर भी शामिल हैं. हालांकि वनप्लस वन बाकी सभी को काफी पीछे छोड़ देता है पर अंतर बहुत ज्यादा नहीं है. इसका मतलब है कि मूल्य यहाँ काफी कुछ बदल सकता है.
GFX बेंच 3.0
अगर इसके GPU आस्पेक्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि ज़ेनफ़ोन 2 भी लगभग उतनी ही पावरवीआर जीपीयू (PowerVR G6430) का इस्तेमाल कर रहा है जितना एप्पल A7 SoC में इस्तेमाल होती है. यही कारण हो सकता है कि इसके गेमिंग और ग्राफ़िक्स की परफॉरमेंस काफी बढ़िया है.
निष्कर्ष
जबकि वनप्लस वन इन तीनों में से सबसे बढ़िया परफॉरमेंस देने वाला एकमात्र स्मार्टफ़ोन है, पर ज़ेनफ़ोन 2 भी ज्यादा पीछे नहीं है. इंटेल एटम Z3580 ने इंटेल की हाइपरथ्रेडिंग टेक्नोलॉजी को कुछ गिरा दिया है, लेकिन ये Z2580 पीढ़ी का ही है जिसे हमने ज़ेनफ़ोन 5 में देखा था. यह एक टॉप परफ़ॉर्मर और हाई-एंड SoC है. आप लगातर इस्तेमाल करने पर इसमें ज्यादा अंतर नहीं पाएंगे.
बैटरी
बिना बैटरी के क्या परफॉरमेंस, सही कहा न? आसुस ने ज़ेनफ़ोन 2 में अपनी बैटरी में भी सुधार किया है, पर हम इसे कुछ ज्यादा नहीं कह सकते. इस स्मार्टफ़ोन में श्याओमी Mi4 की तरह ही 3000 mAh की बैटरी है, पर यह वनप्लस वन से थोड़ी मार खा जाती है.
नोट: शुरू करने से पहले हम आपको बता दें कि हमने यहाँ ओरिजिनल कैमरा सम्प्लेस को क्रॉप करके आपके सामने रखा है. इसके रिव्यु के समय हम पूरी तस्वीरों को आपके सामने रखेंगे. आप इतने तो काबिल हैं ही के इन तस्वीरों को देखकर सही आईडिया लगा सकें.
ब्राइट सनलाइट में फोटो
ब्राइट सनलाइट में ज़ेनफ़ोन 2 तस्वीरों को ज्यादा सचुरेटिंग दिखा रहा है. इस तस्वीर को बिना किसी कैमरा ट्वीक और एप की सहायता के लिया गया है, इसका मतलब है कि कुछ कमी जरुर है. अगर आप ऐसी तस्वीरों में रूचि रखते है तो आप इन्हें पसंद कर सकते है. हमारे लिए यह रुचिकर नहीं हैं.
आउटडोर्स की नॉर्मल रौशनी में
आउटडोर की तसवीरें ज़ेनफ़ोन 2 ने काफी अच्छी ली. लेकिन अगर आप इसके प्रतिद्वंदी कैमरा से कोई तस्वीर लेते हैं तो आपको पता चलता है कि ज़ेनफ़ोन 2 में क्या कमियाँ हैं.
कलर्स
फ्लोरोसेंट रौशनी में ली गई तस्वीरों में हम देखते हैं कि सफ़ेद और पीला रंग सही नहीं आया.
कम रौशनी में
हालांकि यह तस्वीर काफी अंडरसचुरेटेड है, लेकिन कम रौशनी होने पर भी इसने एक सराहनीय तस्वीर ली है. कह सकते हैं कि यह तस्वीर आसुस के बहु चर्चित नाईट मोड में नहीं खिंची गई है फिर भी हम एक अच्छे रिजल्ट की उम्मीद कर रहे थे.
कैमरा (निष्कर्ष)
ज़ेनफ़ोन 5 के कैमरा की उसके प्राइस रेंज के हिसाब से सराहना करनी चाहिए, लेकिन हम आसुस ज़ेनफ़ोन 2 के लिए ऐसा नहीं कह सकते हैं. इसके कैमरा में बदलती या अनईवन रोशनी में फ़ोकसिंग की कई कमियाँ हैं. यह Mi4 या वनप्लस वन के सामने काफी पीछे दिखाई पड़ता है और हॉनर 6 से तो कोसों दूर है.
यूआई
यूआई एक दूसरा आस्पेक्ट है जो ज़ेनफ़ोन 2 में हमें पसंद नहीं आया. यह 28 प्री-लोडेड एप्स के साथ आ रहा है. इनमें से कुछ ऐसे हैं जो आपके काम के भी नहीं है या कह सकते है जिनकी आपको जरुरत नहीं नहीं है, और इस बात पर हमें पूरा यकीन है कि आप डॉ. सेफ्टी और ओम्लेट चैट जैसे एप्स को डिसएबल कर देंगे.
डिस्प्ले
इस स्मार्टफ़ोन की सबसे अच्छी और बढ़िया बात इसका क्रिस्प डिस्प्ले है. 1080p का डिस्प्ले बाजर में उपलब्ध बाकियों के मुकाबले बढ़िया डेंसिटी तो आपको नहीं देता पर कहा जा सकता है कि यह इन सबमें से काफी अलग और आकर्षक है. एक उच्च स्तरीय टच एक्सपीरियंस के साथ इनमें आपको बढ़िया व्यइंग एंगल्स मिलते हैं.
बनावट
एलजी जी3 और एचटीसी वन एम8 से अगर इसकी तुलना करना लाजमी है. लेकिन कोई इस तथ्य को नकार नहीं सकता कि ज़ेनफ़ोन 2 बनावट बढ़िया है. हमारी एक शिकायत है कि इसका डिज़ाइन सीमलेस नहीं है. जैसे पीछे की ओर मेटालिक फिनिश आगे की ओर काली प्लास्टिक से बिलकुल भी मेल नहीं खाती, फिर भी यह एक आकर्षक फ़ोन कहा जा सकता है.
गौरतलब है कि यह डिवाइस मोटा और काफी भारी है. यह वनप्लस वन की तरह ही न ज्यादा हल्का और पतला है बल्कि उसी के जैसा लगता है. यह कारण है कि इसे मैनेज करने में काफी परेशानी हो सकती है.
रैपिंग अप
हमेशा कि तरह, हमारा आखिरी फैसला इसके रिव्यु के बाद ही आयेगा. फिर भी हम यहाँ कह सकते हैं कि इसका मूल्य यहाँ सबसे अहम् होगा. यह कोई बेकार फ़ोन नहीं है बल्कि यह तो ज़ेनफ़ोन 5, ज़ेनफ़ोन 6 और समूह की पीढ़ी का ही फ़ोन है. Rs. 20,000 के नीचे अगर यह फ़ोन आता है तो आपके लिए एक सबसे बेहतर चुनाव हो सकता है, पर सफलता हासिल करने के लिए आसुस को प्रतिस्पर्धा करनी होगी.