टेस्ला मॉडल 3 अभी तक Elon Musk की कंपनी द्वारा बनाई गई एक बढ़िया गाड़ी है. ये कंपनी की एक सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी है, जो अब कोई नए बाज़ारों में उतरने को तैयार है, जिनमें से भारत भी एक देश है. इस गाड़ी ने काफी लोगों को का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. हालाँकि टेस्ला मॉडल 3 भारत में साल 2018 में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी लेकिन देश के कई लोगों ने इस गाड़ी की प्री-बुकिंग करा ली है. वैसे तो आने वाले 2 सालों में बहुत कुछ बदल जाएगा लेकिन जो नहीं बदलेगा वो है इस गाड़ी में मौजूद टेक.
कीमत: भारतीय खरीदारों के लिए कहीं से सस्ती नहीं मानी जा सकती है.
इस गाड़ी की कीमत है $35,000, जो कि भारतीय रूपये के हिसाब से होती है Rs. 23.2 लाख, लेकिन जब से मॉडल 3 को भारत में पेश किया जाएगा तो इसकी कीमत और ज्यादा ही होगी. कुछ रिपोर्ट के अनुसार, शुल्क लगने के बाद इस गाड़ी की कीमत भारत में Rs. 50 लाख तक पहुँच जाएगी. वैसे आप इस गाड़ी को अभी बुक कर सकते हैं, इसके लिए आपको लगभग Rs. 67,000 ($1000) देने होंगे, लेकिन भारतीय खरीदारों को ये गाड़ी साल 2018 में ही मिलेगी, लेकिन अमेरिकी खरीदारों को ये साल 2017 में ही मिल जाएगी.
डिज़ाइन: लक्ज़री और कम्फर्ट का मेल
टेस्ला मॉडल 3 में 5 लोग बहुत ही आराम से बैठ सकते हैं. इसके रियर रूफ में आपको ग्लास पैन मिलता है, जो कि गाड़ी के अंत तक जाता है. क्योंकि ये एक इलेक्ट्रिक गाड़ी है तो इसमें आगे और पीछे दोनों तरफ सामान रखने के लिए जगह मिलती है. इस गाड़ी में एक बड़ी टचस्क्रीन दी गई है.
इंजन: 60 सेकंड में 0-60 मील प्रति घंटा की रफ़्तार
अगर आप यूट्यूब पर “Tesla model S vs supercar” सर्च करेंगे तो आपको यहाँ विडियो दिखाई देंगे जिनमें आप इए गाड़ी की रफ़्तार को खुद देख सकते हैं. इस गाड़ी की रफ़्तार के पीछे एक बहुत ही साधारण सा कारण छुपा है और वो है कि इलेक्ट्रिक गाड़ी में पेट्रोल गाड़ी की तरफ गियर नहीं होते हैं और ये शरुआत से ही अपनी पूरी पॉवर का इस्तेमाल करती है. हालाँकि अभी तक कंपनी ने अपनी इस गाड़ी के इंजन के बारे में कोई भी बात नहीं बताई है, लेकिन Elon Musk ने बताया है कि ये गाड़ी 6 सेकंड में 0-60 मील प्रति घंटा की रफ़्तार पकड़ लेता है.
सुरक्षा: 5-स्टार रेटिंग
सुरक्षा के हिसाब से टेस्ला मॉडल 3 के सभी वर्जन 5-स्टार रेटिंग सुरक्षा के साथ पेश की गई है. इसकी वजह से ये एक बहुत ही सुरक्षा इलेक्ट्रिक गाड़ी कही जा सकती है. ज्यादा तर एक्सीडेंट में मौतें गाड़ी के आगे या पीछे से एक्सीडेंट होने के कारण होती है, इसलिए मॉडल 3 को कई क्रैश परीक्षण से होकर गुजरना पड़ा है. इसका पोल क्रेश टेस्ट भी किया गया है.
स्मार्ट कार: ऑटोपायलट मोड
टेस्ला की गाड़ियाँ इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ होने के साथ ही ये स्मार्ट भी होती हैं. अपने पिछले दो वर्जन की तरह ही मॉडल 3 भी स्मार्ट फीचर्स से लैस है और ये कार अपना मार्गदर्शन खुद कर सकती है, साथ ही ये ऑटोमेटिकली ट्रैफिक के बारे में भी पता कर लेते हैं. ये क्रूज कंट्रोल कर सकती है और साथ ही ये अपनी लेन्स भी बदल सकती है. हालाँकि ये सब फीचर्स बेस मॉडल में उपलब्ध नहीं होंगे.
चुनौतियां: रेंज और रिचार्ज
आज के दौर में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि ये टेक्नोलॉजी अभी तक सब जगह नहीं पहुंची है और इसी वजह से इसे यूजर फ्रेंडली नहीं माना जा सकता है. शुरुआत में तो इलेक्ट्रिक गाड़ियों की रेंज काफी कम थी और इन्हें चार्ज करने में काफी देर लगती थी. हालाँकि टेस्ला मॉडल 3 की रेंज 346 किलोमीटर है और ये सुपरचार्जिंग टेक्नोलॉजी के साथ आती है. चार्जिंग स्टेशन पर बात करें तो टेसला साल 2018 तक भारत में अपने सुपर चार्जिंग स्टेशन बनाने पर काम कर रही है.