एप्पल आईफ़ोन 6S लॉन्च हो गया है, लेकिन यहाँ एक सवाल उठना लाज़मी है की आखिर आईफ़ोन 6S एंड्राइड फ्लैगशिप फोंस से कितना बेहतर है? आईफ़ोन 6S अब तक का सबसे बढ़िया आई फ़ोन है. लेकिन फिर भी आजकल के एंड्राइड फ्लैगशिप फोंस में ऐसे बहुत से फीचर्स हैं जो की आईफ़ोन को मात देते हैं. हम यहाँ ऐसे ही 7 फीचर्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी वजह से एंड्राइड फोंस आईफ़ोन 6S से आगे निकल जाते हैं.
स्क्रीन रेजोलूशन
जहाँ एप्पल के फोंस में रेटिना डिस्प्ले होती है वहीँ एंड्राइड फ्लैगशिप स्मार्टफोंस 2K रेजोलूशन डिस्प्ले से लैस होते हैं, जैसे- LG G4और सैमसंग गैलेक्सी S6. बात 2K डिस्प्ले पर ही पूरी नहीं होती, सोनी एक्स्पीरिया Z5 प्रीमियम में तो 4K डिस्प्ले दिया गया है.
OIS
जहाँ एंड्राइड फ्लैगशिप स्मार्टफोंस OIS से लैस हैं, वहीं एप्पल के ‘प्लस’ वर्जन में ही OIS दिया गया है. इस फीचर की मदद से विडियो बनाना बड़ा ही आसान हो जाता है.
बैटरी लाइफ
आईफोंस को उनकी कम शक्ति के लिए जाना जाता है, जो की बहुत ही कम बैकअप देती है. लेकिन एंड्राइड फोंस की बैटरी काफी बड़ी होती है और यह परफॉरमेंस भी बहुत ही बढ़िया होती है.
स्टोरेज स्पेस
आम तौर पर इनदिनों देखा जा रहा है की मिड रेंज के एंड्राइड स्मार्टफोंस में 16GB की इंटरनल स्टोरेज दी जा रही है, वहीँ एंड्राइड फ्लैगशिप स्मार्टफोंस जैसे- HTC वन M9+ और सैमसंग गैलेक्सी नोट 5 32GB की इंटरनल स्टोरेज के साथ आ रहे हैं और अगर आईफ़ोन 6S की बात करें तो वो अभी भी 16GB की इंटरनल स्टोरेज के साथ ही आता है.
रैम
ज्यादा रैम का मतलब है की मल्टीटास्किंग और भी तेज़ की जा सकती है. आईफ़ोन 6S में 2GB की रैम दी गई है, वहीँ एंड्राइड फ्लैगशिप स्मार्टफोंस जैसे- वनप्लस 2 और सैमसंग गैलेक्सी S6 एज प्लस 4GB की रैम के साथ आते हैं.
वाटरप्रूफ और वाटर रेजिस्टेंस
मोटो G (थर्ड जनरेशन) स्मार्टफ़ोन की कीमत आईफ़ोन 6S की तुलना में बहुत ज्यादा कम है, और मोटोरोला का यह फ़ोन वाटर रेसिस्टेंट हैं, इसके साथ ही सोनी एक्सपेरिया Z लाइन IP68 वाटरप्रूफ सर्टिफिकेशन के साथ आती है. लेकिन एप्पल के फोंस में यह टेक्नोलॉजी अभी तक नहीं दी गई है.
वायरलेस चार्जिंग
बहुत सारे एंड्राइड फ्लैगशिप फोंस जैसे- सैमसंग गैलेक्सी S6 वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी से लैस है वहीँ एप्पल में फोंस में यह टेक्नोलॉजी नहीं दी गई है.