भारत की अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं दूरसंचार विनिर्माण कंपनियों में से एक ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम लिमिटे (ओआईएल) ने प्रौद्योगिकी तौर पर परिष्कृत, उच्च सटीक ड्रोन्स की लांचिंग के साथ मानवरहित प्रणालियों के क्षेत्र में कदम रखने की घोषणा की। इन ड्रोन की डिजाइन और विनिर्माण भारत में किया गया है।
ड्रोन्स की इस विविध रेंज को इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 में पहली बार प्रदर्शित किया गया है। ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम द्वारा प्रदर्शित इन उत्पादों में एडवांस्ड सेंसर्स, सुरक्षित संचार प्रणाली और सख्त सुरक्षा के प्रोटोकॉल सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है।
ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम अपने इस नए डिवीजन ऑप्टिमस अनमैन्ड सिस्टम्स (ओयूएस) में 25 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
यह कंपनी मानवरहित एरियल व्हीकल (यूएवी) के अनुसंधान, विकास और विनिर्माण के मोर्चे पर आगे रहेगी क्योंकि ओयूएस, ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स की विनिर्माण उत्कृष्टता से तालमेल बिठाते हुए भारत में अपनी तरह के पहले ड्रोन्स उपलब्ध कराने के लिए ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम की बाजार क्षमताओं का उपयोग करेगी।
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इस कंपनी की ताजा पहल सरकार की मेक इन इंडिया पहल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम की तर्ज पर है जिसका लक्ष्य ऐसे देशज उत्पादों का निर्माण करना है जिनकी डिजाइन और विनिर्माण भारत में किया गया हो।
ओयूएस अत्याधुनिक ड्रोन की डिजाइन और विनिर्माण में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेगी और ये ड्रोन रक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, लॉजिस्टिक्स, खनन, रेलवे और तेल एवं गैस सहित व्यापक उपयोग के क्षेत्रों की जरूरतें पूरी करेंगे। ड्रोन्स के लिए एप्लीकेशन के क्षेत्रों में परिसंपत्ति प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, डिलीवरी, मैपिंग एवं सर्वे और प्रिजिशन एग्रिकल्चर शामिल हैं।
ऑप्टिमस इन्फ्राकॉम लिमिटेड के चेयरमैन श्री अशोक के गुप्ता ने कहा, “सभी के लिए टेक्नोलॉजी हमारा मार्गदर्शक प्रकाशस्तंभ रहा है जो हमें रास्ता दिखाता रहा है। ऑप्टिमस अनमैन्ड सिस्टम्स आज और आने वाले कल के लिए विश्वसनीय मानवरहित प्रणालियों की डिजाइन तैयार कर उनका विनिर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चिंता है, हम सरकार के दिशानिर्देशों के मुताबिक, लोकलाइजेशन पर और भरोसेमंद साझीदारों और स्थानों से पार्ट्स खरीदने पर ध्यान देते हैं।
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हमने टोपायलट, मोटर कंट्रोलर, जीएनएसएस रिसीवर और पावर मैनेजमेंट सिस्टम का पहले ही स्थानीयकरण कर लिया है। हम स्पेयर पार्ट्स और हमारे तैनात ड्रोन्स को अपग्रेड करने सहित रखरखाव, मरम्मत के लिए समग्र सहयोग भी उपलब्ध कराएंगे।”
लांचिंग के एक वर्ष के भीतर 65 प्रतिशत तक देशीकरण हासिल करने के लक्ष्य के साथ ओयूएस ने अपने उत्पादों को निर्यात के लिए तैयार बनाने, स्मार्टर पेलोड्स में पेशकश का विस्तार करने और विभिन्न क्षेत्रों के लिए मानवरहित वाहनों की एक व्यापक रेंज के साथ उत्पाद स्वायत्तता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
Product | Max Take-Off Weight | Command & Control (C2) | Max Operational Altitude (AMSL) | Payload (upto) |
Vajra QC Range Vajra QC 2.0 Vajra QC 6.5 Vajra QC 10.0 | 2 kg 6.5 kg 10 kg | 5km 15km 20km | 5500 m 7000 m 7000 m | 400 gm 2 kg 4 kg |
Abhedya | 90 kg | 100km | 9000 m | 30 kg |
Darsh | 2 kg | 15 km | 6500 m | 400 gm |
Ajeya VT 8.0 | 8 kg | 40 km | 7000 m | 2.5 kg |
Marak PL 7.0 | 7 kg | 40 km | 7000 m | 3 kg |
उद्योग चैंबर फिक्की के अनुमान के मुताबिक, भारत में ड्रोन विनिर्माण की संभावना वर्ष 2025 तक 4.2 अरब डॉलर मूल्य की हो सकती है जोकि वर्ष 2023 तक यह बढ़कर 23 अरब डॉलर पर पहुंच सकती है। इससे भारत ड्रोन विनिर्माण की एक ताकत बन जाएगा।