G2A ने ऑनलाइन और पर्सनल कंप्यूटर पर गेम खेलने के लिए बिलकुल नया और नायाब साथ ही अभी तक का सबसे विकसित प्लेटफार्म G2A लैंड लॉन्च किया है. इसके लिए यूरोपियन कंपनी G2A ने अभी तक की सबसे उन्नत तकनीकों को मिलाकर वर्चुअल रियलिटी का एक अनोखा प्लेटफार्म तैयार किया है जो गेम्स खेलने वालों और इन्हें पसंद करने वालों अब 3D का अनुभव देने वाला है. इसके लिए G2A ने रिसर्च व डेवलपमेंट का काम 2014 में शुरू किया था. कंपनी का दावा है कि “ओकुलुस डिवाइस” पर काम करने वालों के लिए इस प्लेटफार्म का अनुभव विश्व-स्तरीय होगा, जो अभी तक किसी भी कंपनी ने गेम खेलने वालों को नहीं दिया है.
‘वर्चुअल रियलिटी’ के तहत गेम खेलना कुलमिलाकर उस गेम के हर पहलु को महसूस और यकीन करने जैसा होता है. 3D मॉडल पर काम करने वाले ये डिवाइस, इंसान के देखने, सुनने, छूने और सूंघने की शक्ति को काल्पनिक तौर पर इस्तेमाल करके वास्तविकता का अनुभव देते हैं. अगर देखा जाए तो वर्चुअल रियलिटी एक सिम्युलेटर की तरह काम करता है जोकि किसी कंप्यूटर या मल्टीमीडिया डिवाइस द्वारा कंट्रोल किया जाता है. वर्चुअल रियलिटी की दुनिया में यूजर को ऐसा महसूस होता है जैसे वह उस चल रही गेम का खुद भी एक हिस्सा हो, और गेम के अंतर्गत होने वाले हर बदलाव को करीब से देख रहा हो.
G2A के इंडिया हेड रोहित दहड़ा के अनुसार, "इंडिया में गेम खेलने की एक अलग ही दीवानगी है और G2A इसी को ध्यान में रखते हुए गेम खेलने के लिए नयी तकनीक और सर्विस लाने पर तत्पर रहती है. G2A लैंड इसी के तहत विकसित किया गया प्लेटफार्म है जो अभी तक की सबसे एडवांस तकनीक पर काम करता है जिसमें यूजर “ओकुलुस हेडसेट” लगाने के बाद खुद को गेम की दुनिया में पाता है और वर्चुअल रियलिटी के ऐसे प्लेटफार्म को महसूस करता है जिसमें उसे सब कुछ वास्तव में होता हुआ लगता है."
वर्चुअल रियलिटी की दुनिया में पिछले सालों में बहुत कुछ हुआ है लेकिन गेम खेलने वालों के लिए ये अपनी तरह का पहला हेडसेट लाया गया है. ऑडियो विज़ुअल से आगे बढ़ते हुए 2016 वर्चुअल रियलिटी का साल होगा जहां हर किसी को एक अलग दुनिया का अनुभव होगा.