वंचित युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण और आजीविका के स्थायी साधन उपलब्ध कराने की योजना के तहत वोडाफोन फाउंडेशन ने अपनी अनूठी परियोजना 'सक्षम' के जरिए 360 युवाओं को प्रशिक्षित किया है। इसमें कई लड़कियों समेत कई राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी भी शामिल हैं। 'सक्षम' के तहत प्रशिक्षण का मौका पाने वालों में किसान के परिवार से ताल्लुक रखने वाली 19 वर्षीय सरिता शामिल हैं, जो सभी बाधाओं और चुनौतियों का सामना कर राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी बनी लेकिन एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान लगी चोट ने सभी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।
वहीं 20 वर्षीय राजकुमार की स्कूली पढ़ाई बीच में छूट गई, कौशल नहीं था तो रोजगार नहीं मिला।
सरिता, राजकुमार और ऐसे ही 358 युवाओं को इस योजना के तहत न केवल व्यवसायिक प्रशिक्षण मिला बल्कि इन्हें आजीविका के स्थायी साधन भी मिले। सक्षम परियोजना के कुछ ऐसे ही 'ग्रेजुएट्स' को लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर ने प्रमाणपत्र दिए।
अनुराग ठाकुर ने कहा, "युवाओं को सशक्त बनाना आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में जब हम नवभारत के निर्माण की दिशा में बढ़ रहे हैं, युवाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में हमंे सुनिश्चित करना होगा कि युवाओं को खेल, अकादमिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र में पर्याप्त अवसर मिले। मैं छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि वे राज्य का नाम रोशन करेंगे।"
इन युवाओं को ऐसे विभिन्न क्षेत्रों में प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण दिया गया, जिनसे उन्हें स्थायी रोजगार मिल सके। युवाओं को आईटीईएस, रीटेल, कटिंग एवं टेलरिंग, मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटी एवं वैलनैस जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है। परियोजना के उम्मीदवारों को तकनीकी एवं जीवन कौशल में प्रशिक्षित किया गया है और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इनमें से 278 (77 फीसदी) उम्मीदवारों को नौकरी मिल गई है।
वोडाफोन इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर- सीएसआर पी. बालाजी ने कहा, "भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी है। इसके लिए हमें युवाओं को कौशल एवं आधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करना होगा, उन्हें स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करने होंगे। सक्षम की कामयाबी एक ऐसे मॉडल को दर्शाती है जो कौशल से लेकर रोजगार तक हर पहलू की जरूरत को पूरा करता है।"