Vodafone idea (वोडाफोन आइडिया) फंड जुटाने के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। कंपनी के सीईओ (CEO) रविंदर टक्कर का कहना है कि कंपनी को फंड जुटाने की पूरी उम्मीद है। कंपनी का भरोसा है कि वह जल्द ही संभावित निवेशकों तक पहुंच जाएगी। सरकार की ओर से दी गई राहत से से कर्ज़ में डूबी कंपनियों को लाभ मिलेगा। यह भी पढ़ें: Jio यूजर्स की मौज! बेहद कम पैसे देकर उठा सकते हैं 336 दिन की वैधता वाले इस प्लान का लाभ
वोडाफोन आइडिया (Vodafone idea) के CEO रविंदर टक्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि निवेशक केंद्र सरकार के राहत पैकेज का इंतजार कर रहे थे। निवेशक जानना चाहते थे कि क्या केंद्र सरकार तय करेगी कि टेलीकॉम सेक्टर में कम से कम तीन खिलाड़ी मौजूद रहें। निवेशक यह भी चाहते हैं कि जुटाए गए फंड का उपयोग कंपनी सरकारी बकाया का भुगतान करने के बजाय बिजनेस बढ़ाने के लिए करे। यह भी पढ़ें: 120Hz डिस्प्ले के साथ गेमिंग के शौकीनों के लिए Realme (रियल मी) ने लॉन्च किया तगड़ा फोन
रविंदर टक्कर ने कहा कि इस पैकेज के साथ निवेशकों की आशंकाओं को कुछ हद तक दूर कर दिया गया है। टक्कर ने निवेशकों के नाम बताए बिना कहा कि कंपनी फंड जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। इस बदलाव के साथ हमें बिज़नेस प्लान को अपडेट करना होगा। यह भी पढ़ें:
सरकार का जो बकाया वोडाफोन आइडिया पर है, उसमें 96,300 करोड़ रूपये स्पेक्ट्रम का पेमेंट है। 61,000 करोड़ रूपये का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) है। इसके अलावा बैंकों का 23,100 करोड़ रूपये बकाया है। इसमें काफी पैसा सरकारी बैंकों का है जो सरकार के हिस्से में आएगा। इसके अलावा हजारों करोड़ रूपये की बैंक गारंटी भी है। साथ ही AGR, स्पेक्ट्रम और बैंक के लोन पर ब्याज अलग से बकाया है। यह भी पढ़ें: Rs 79 वाले प्लान में Airtel और Vi दे रहे हैं एक-दूसरे को कड़ी टक्कर, आप देखें कौन-सा विकल्प है सही
केंद्र सरकार ने 15 सितंबर को टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को भी मंजूरी दी थी। सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर को सभी बकाया के लिए 4 साल का मोरेटोरियम देने का फैसला किया। इसका मतलब है कि वे अपना बकाया 4 साल के लिए टाल सकते हैं, लेकिन उन्हें इस दौरान बकाया का ब्याज देना होगा। यह भी पढ़ें: Netflix ने पहली बार लॉन्च किया Free Plan, बिना ऐड चलेंगे शॉज़ और सभी फिल्में
सरकार ने बिना सरकारी मंजूरी के टेलीकॉम सेक्टर में 100% विदेशी निवेश को भी मंजूरी दे दी है। AGR की परिभाषा को बदलते हुए इससे गैर टेलीकॉम रेवेन्यू को बाहर किया जाएगा। AGR में ब्याज को कम करके 2% वर्ष के हिसाब से किया गया है। इसके अलावा स्पेक्ट्रम की नीलामी अब 20 साल की जगह 30 साल के लिए कर दी जाएगी। यह भी पढ़ें: क्या 5G के लिए पूरी तरह तैयार हैं Jio, Airtel और Vi, जल्द आपके फोन में होगा 5G नेटवर्क?