भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल ड्रॉप की समस्या ठीक करने के लिए मोबाइल ऑपरेटरों को 15 दिन का समय दिया है. अब 15 दिनों के बाद मोबाइल ऑपरेटरों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो मोबाइल ऑपरेटरों पर कारवाई की जा सकती है. दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा बुलाई गई इस बैठक में भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और रिलायंस कम्युनिकेशंस सहित कई बड़े आपरेटरों को यह संदेश दिया गया है.
ट्राई के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने बैठक के बाद कहा, ‘यह दलील कि स्पेक्ट्रम कम है, यह ठीक नहीं है क्योंकि स्पेक्ट्रम एक दम से नहीं घट गया. बल्कि स्पेक्ट्रम बढ़ा है.’ कॉल ड्रॉप की समस्या हाल के महीनों में एक गंभीर समस्या बन गई है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस संबंध में चिंता जताई है.
इसके साथ ही चेयरमैन शर्मा ने कहा कि, इस बैठक में कंपनियों को जानकारी दी गई है कि ट्राई 15 दिनों के बाद स्थिति की समीक्षा करेगा. ‘हम यह आंकलन करेंगे कि क्या स्थिति में कोई सुधार आया है या नहीं.’ यह पूछे जाने पर कि यदि स्थिति में सुधार नहीं आया तो क्या कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, तो इसपर उन्होंने जवाब दिया कि जरुरत पड़ने पर जरुर कारवाई की जायेगी. इसके अलावा, आर.एस. शर्मा ने कहा, ‘जब जरूरत पड़ेगी हम सीमा लांघेंगे, लेकिन अभी आपरेटरों पर अविश्वास करने का कोई कारण मुझे नहीं दिखता.’
इसके साथ ही कॉल ड्रॉप के मुद्दे पर नई दिल्ली में आयोजित इकोनोमिस्ट इंडिया समिट के दौरान दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को बताया, ‘वर्तमान में, मैं किसी तरह का जुर्माना लगाने के बारे में नहीं सोच रहा हूं, लेकिन अगर स्थिति में सुधार नहीं आता है तो इस विकल्प को अपनाने की संभावना से इनकार भी नहीं करता हूं क्योंकि अगर कोई मुद्दा है तो उसे हल करना उन लोगों की जिम्मेदारी है जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं.’