वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स (VNO) वह कंपनियां होती हैं जो देश भर में नेटवर्क या स्पेक्ट्रम नहीं होने के बावजूद अपने ब्रांडों के अंतर्गत वॉयस और डाटा सेवाओं की पेशकश करती है, ये इसके लिए स्थापित दूरसंचार ऑपरेटरों से बैंडविड्थ खरीदती है.
अंतर मंत्रालयी पैनल टेलिकॉम कमीशन ने सोमवार को वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स (VNO) पर लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत वर्चुअल नेटवर्क ऑपरेटर्स (VNO) कंपनियां देश भर में नेटवर्क या स्पेक्ट्रम नहीं होने के बावजूद अपने ब्रांडों के अंतर्गत वॉयस और डाटा सेवाओं की पेशकश करती है. ये इसके लिए स्थापित दूरसंचार ऑपरेटरों से बैंडविड्थ खरीदती है.
यह स्थापित दूरसंचार ऑपरेटरों को अप्रयुक्त बैंडविड्थ को भी मुद्रीकरण करने की अनुमति देता है. इनके ऑपरेशन शुरू करने के बाद कॉल रेट भी कम होने का अनुमान है.
यह जानकारी बिज़नस इनसाइडर ने अपनी एक रिपोर्ट में दी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार आयोग ने VNOs के लिए एक एकीकृत लाइसेंस श्रेणी को मंजूरी दे दी, इसके लिए प्रवेश शुल्क 7.5 करोड़ रुपये होगा. ये परमिट 10 साल के लिए वैध रहेगा.
VNO टेलिकॉम कंपनी द्वारा दी जाने वाली सभी टेलिकॉम सर्विसेज देने में सक्षम होंगी, जिसके साथ उन्होंने साझेदारी की है. वे एक से ज्यादा कंपनियों की सेवाओं की बिक्री कर सकते हैं.