Reliance Jio ने इस बुधवार को ऐलान किया है कि कम्पनी ने 5G नेटवर्क सोल्यूशन के विकास के लिए चीनी टेलिकॉम ऑपरेटर्स और अन्य इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी कम्पनियों से साझेदारी की है। ओपन टेस्ट और इंटीग्रेशन सेंटर (OTIC) के लिए बड़े टेलिकॉम प्रदाता और वेंडर्स एक साथ जुड़े हैं।
Jio ने बताया कि, “इन कम्पनियों में, चाइना मोबाइल और रिलायंस जियो के साथ China Telecom, China Unicom, Intel, Radisys, Samsung Electronics, Airspan, Baicells, CertusNet, Mavenir, Lenovo, Ruijie Network, Inspur, Sylincom, WindRiver, ArrayComm और Chengdu NTS शामिल हैं।”
कम्पनी ने यह भी कहा कि, O-RAN के लिए कम्पनी मल्टी-वेंडर इंटरओपरेटिबिलिटी और वेलिडेशन एक्टिविटीज़ पर सहयोग कर रहे हैं, जो 5G एक्सेस के बुनियादी ढांचे को असहमति प्रदान करता है।
Airtel, NTT Docomo, Softbank, SK Telecom, Singtel, Ericsson, Nokia और Qualcomm भी ओपन रेडियो। एक्सेस नेटवर्क (O-RAN) का हिस्सा हैं लेकिन चुनिन्दा कम्पनियों ने ही OTIC के लिए साझेदारी की घोषणा की है।
Reliance Jio के प्रेसिडेंट President Mathew Oommen ने कहा कि, हम इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड, O-RAN आधारित इन्टरओप्रेबल तैनाती को अपनाने में तेज़ी लाने के लिए 5G और OTIC के साथ काम कर के ओपन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं।
हाल ही में संचार सेवा प्रदाता डब्ल्यूपीपी और मार्केट रिसर्च फर्म कांटार मिलवर्ड ब्राउन की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो जिस दर पर वर्तमान में बढ़ रहा है, कंपनी तीन साल के भीतर वैश्विक स्तर पर 100 सबसे मूल्यवान ब्रांडों में से एक होगी।
हालाँकि 2016 में लॉन्च की गई रिलायंस जियो में एयरटेल के मुकाबले कुछ सबसे बड़े अंतर मौजूद थे। एयरटेल की अगर बात करें तो यह 1995 में बाजार में आया था। इस बात की जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है, जो "BrandZ Top 100 Most Valuable Global Brand for 2019" टाइटल से प्रसिद्द है।