Jio, Airtel, Vi, BSNL: 1 अक्टूबर से सबके लिए बदल जाएंगे ये जरूरी नियम, अब स्पैम मेसेजेस से मिलेगा छुटकारा!

Updated on 01-Oct-2024

सभी स्मार्टफोन यूजर्स कॉलिंग और इंटरनेट एक्सेस के लिए SIM कार्ड्स का इस्तेमाल करते हैं। भारत में चार प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटर्स: Jio, Airtel, Vi और BSNL हैं। हालांकि, देश में यूजर्स ने लंबे समय तक खराब क्वालिटी की सर्विस और फ़र्ज़ी वेबसाइट के अनचाहे लिंक्स वाले स्पैम मेसेजेस को झेला है। इसके अलावा, टेलिकॉम प्रोद्योगिकी ने 2G से 5G पर विकास कर लिया, लेकिन कई लोग अब भी यह नहीं जानते कि उनके क्षेत्र में किस तरह का नेटवर्क उपलब्ध है। हालांकि, 1 अक्टूबर से भारत की टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी, TRAI, नए नियम लागू कर रही है जो संभावित तौर पर भारत में टेलिकॉम लैंडस्केप में महत्वपूर्ण रूप से सुधार लाएंगे। आइए उन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

टेक्नोलॉजी के अनुसार मोबाइल कवरेज

यह ध्यान देना जरूरी है कि एक ही कंपनी द्वारा विभिन्न नेटवर्क प्रदान किए जाते हैं, और एक नेटवर्क की उपलब्धता में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में अंतर हो सकता है। नेटवर्क कवरेज स्थान पर निर्भर करता है, और विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नेटवर्क्स की पहचान करना संभव है। इसके नतीजे में एक नेटवर्क ऑपरेटर को सावधानी से चुनना आवश्यक है।

मोबाइल रिचार्ज के लिए क्लिक करें!

TRAI के नए दिशा निर्देशों के अनुसार, टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट्स पर नेटवर्क टेक्नोलॉजी की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है। इससे यूजर्स के लिए यह जानना आसान और सुविधाजनक हो जाता है कि उनके क्षेत्र में कौन-से नेटवर्क को एक्सेस किया जा सकता है।

SMSs के लिए व्हाइटलिस्टिंग

मोबाइल यूजर्स को SMS के जरिए केवल स्वीकृत वेब लिंक्स प्राप्त होंगे। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने यह अनिवार्य कर दिया है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल व्हाइटलिस्ट किए गए लिंक्स को ही (ट्रांसमिट किया जाए) आगे भेजा जाए। उदाहरण के लिए, अगर आपको SMS के जरिए कोई लिंक प्राप्त होता है जो एक निवेश योजना के बारे में जानकारी देता है, तो पहले के अनुसार वह लिंक आपको किसी अनजान स्रोत पर ले जा सकता था, जिससे मैलिशियस तत्वों के कारण वित्तीय नुकसान का खतरा पैदा हो सकता था या फिर गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता था। नए नियमों के लागू होने के साथ यह खतरा कम होने की उम्मीद है।

इससे पहले टेलिकॉम ऑपर्टर्स के लिए इन निर्देशों का अनुपालन करने की डेडलाइन 1 सितंबर थी, लेकिन फिर इसे 1 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इसलिए टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर ये नए नियम आज से लागू हो रहे हैं।

सर्विस रिपोर्ट की क्वालिटी

टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने वायरलेस और वायरलाइन दोनों सेवाओं के लिए क्वालिटी ऑफ स्टैंडर्ड्स (QoS) को अपडेट कर दिया है। अब नए नियमों के तहत टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट्स पर नियमित तौर पर हर तिमाही में और हर महीने QoS परफॉर्मेंस को पब्लिश करते रहना होगा, जिसमें नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप रेट और वॉइस पैकेट ड्रॉप रेट शामिल होंगे, जिसकी शुरुआत अगले साल अप्रैल से हो रही है।

Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं।

Connect On :