सभी स्मार्टफोन यूजर्स कॉलिंग और इंटरनेट एक्सेस के लिए SIM कार्ड्स का इस्तेमाल करते हैं। भारत में चार प्रमुख टेलिकॉम ऑपरेटर्स: Jio, Airtel, Vi और BSNL हैं। हालांकि, देश में यूजर्स ने लंबे समय तक खराब क्वालिटी की सर्विस और फ़र्ज़ी वेबसाइट के अनचाहे लिंक्स वाले स्पैम मेसेजेस को झेला है। इसके अलावा, टेलिकॉम प्रोद्योगिकी ने 2G से 5G पर विकास कर लिया, लेकिन कई लोग अब भी यह नहीं जानते कि उनके क्षेत्र में किस तरह का नेटवर्क उपलब्ध है। हालांकि, 1 अक्टूबर से भारत की टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी, TRAI, नए नियम लागू कर रही है जो संभावित तौर पर भारत में टेलिकॉम लैंडस्केप में महत्वपूर्ण रूप से सुधार लाएंगे। आइए उन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
यह ध्यान देना जरूरी है कि एक ही कंपनी द्वारा विभिन्न नेटवर्क प्रदान किए जाते हैं, और एक नेटवर्क की उपलब्धता में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में अंतर हो सकता है। नेटवर्क कवरेज स्थान पर निर्भर करता है, और विभिन्न स्थानों पर विभिन्न नेटवर्क्स की पहचान करना संभव है। इसके नतीजे में एक नेटवर्क ऑपरेटर को सावधानी से चुनना आवश्यक है।
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TRAI के नए दिशा निर्देशों के अनुसार, टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट्स पर नेटवर्क टेक्नोलॉजी की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता है। इससे यूजर्स के लिए यह जानना आसान और सुविधाजनक हो जाता है कि उनके क्षेत्र में कौन-से नेटवर्क को एक्सेस किया जा सकता है।
मोबाइल यूजर्स को SMS के जरिए केवल स्वीकृत वेब लिंक्स प्राप्त होंगे। टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने यह अनिवार्य कर दिया है कि टेलिकॉम ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल व्हाइटलिस्ट किए गए लिंक्स को ही (ट्रांसमिट किया जाए) आगे भेजा जाए। उदाहरण के लिए, अगर आपको SMS के जरिए कोई लिंक प्राप्त होता है जो एक निवेश योजना के बारे में जानकारी देता है, तो पहले के अनुसार वह लिंक आपको किसी अनजान स्रोत पर ले जा सकता था, जिससे मैलिशियस तत्वों के कारण वित्तीय नुकसान का खतरा पैदा हो सकता था या फिर गोपनीयता का उल्लंघन हो सकता था। नए नियमों के लागू होने के साथ यह खतरा कम होने की उम्मीद है।
इससे पहले टेलिकॉम ऑपर्टर्स के लिए इन निर्देशों का अनुपालन करने की डेडलाइन 1 सितंबर थी, लेकिन फिर इसे 1 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया था। इसलिए टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर ये नए नियम आज से लागू हो रहे हैं।
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने वायरलेस और वायरलाइन दोनों सेवाओं के लिए क्वालिटी ऑफ स्टैंडर्ड्स (QoS) को अपडेट कर दिया है। अब नए नियमों के तहत टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट्स पर नियमित तौर पर हर तिमाही में और हर महीने QoS परफॉर्मेंस को पब्लिश करते रहना होगा, जिसमें नेटवर्क उपलब्धता, कॉल ड्रॉप रेट और वॉइस पैकेट ड्रॉप रेट शामिल होंगे, जिसकी शुरुआत अगले साल अप्रैल से हो रही है।