Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea ने टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से WhatsApp, Google के RCS और Telegram जैसे मेसेजिंग ऐप्स के लिए नए नियम बनाने का आग्रह किया है। Economic Times की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने TRAI से इन OTT (ओवर-द-टॉप) कम्यूनिकेशन ऐप्स के लिए अनुमति या लाइसेंस बनाने के लिए कहा है। उनका यह कहना है कि ये ऐप्स वही समान सेवाएं प्रदान करते हैं जो मोबाइल फोन ऑपरेटर्स ऑफर करते हैं।
OTT प्लेयर्स का मतलब उन ऐप्स और सेवाओं से है जो इंटरनेट पर काम करती हैं।
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TRAI की विस्तृत सूचना के जवाब में एयरटेल ने कहा, “OTT सेवाएं और ऐप्लिकेशंस काफी फल-फूल गई हैं, जो किसी भी तरह की रेगुलेटरी बाधाओं और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी वाले इंटरनेट के जरिए ग्लोबल दर्शकों को इंस्टेंट एक्सेस की अनुपस्थिति को सक्षम बनाती है।”
किसी भी विशेष ऐप का नाम लिए बिना इसने कहा कि OTT प्लेयर्स टेक्स्ट और वॉइस सेवाओं के विकल्प बन गए हैं।
वहीं दूसरी ओर, OTT ऐप्स इस दावे का विरोध करते हुए कहते हैं कि वे सूचना प्रोद्योगिकी अधिनियम के तहत पहले से ही रेगुलेटेड हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने भी मौजूदा टेलिकॉम लाइंसेन्सिंग व्यवस्था को बदलने और यूनिफाइड सर्विसेज़ ऑथोराइज़ेशन (नेशनल) नाम के पैन-इंडिया सिंगल लाइसेन्स लाने के TRAI के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
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टेल्को का कहना है कि सिंगल पैन-इंडिया ऑथोराइज़ेशन का प्रस्ताव लाइसेन्सिंग व्यवस्था में 1994 से 30 सालों में पहला महत्वपूर्ण बदलाव है। उन्होंने कहा कि यह व्यापार करने को आसान बनाएगा, नियमों को सरल बनाएगा, लागतों को कम करेगा और भी बहुत कुछ।
हालांकि, उन्होंने सावधान किया है कि नई व्यवस्था टेलिकॉम क्षेत्र के मौजूदा संरचनात्मक कोर के लिए बाधा नहीं बननी चाहिए और साथ ही यह भी कहा कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISPs) को लीज़्ड लाइन्स/VPNs प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।