अनलिमिटेड कॉलिंग, डेटा प्लांस पर लगेगा ताला? जानिए Jio, Airtel, Vi का फैसला

Updated on 29-Aug-2024
HIGHLIGHTS

जियो, Vi और एयरटेल ने TRAI के TCPR, 2012 शीर्षक वाले परामर्श पत्र का जवाब दिया है।

इस परामर्श पत्र का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि क्या बाजार को केवल SMS और वॉइस वाले वैलीडिटी पैक्स की जरूरत है।

वोडाफोन आइडिया का भी यही मानना है कि केवल एसएमएस/वॉइस प्लांस की जरूरत नहीं है।

रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने TRAI (टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के “Review of Telecom Consumers Protection Regulations (TCPR), 2012” शीर्षक वाले परामर्श पत्र का जवाब दिया है। इस परामर्श पत्र का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि क्या बाजार को केवल SMS और वॉइस वाले वैलीडिटी पैक्स की जरूरत है।

वर्तमान में अगर आप केवल वॉइस या केवल SMS या फिर दोनों के कॉम्बिनेशन वाला पैक चाहते हैं, तो आपको वैलीडिटी के साथ ऐसा कोई पैक नहीं मिलता है। टेलिकॉम कम्पनियों के हर पैक में डेटा शामिल होने के कारण ग्राहकों को ऐसे प्लांस के साथ रिचार्ज करना पड़ता है जो वे नहीं चाहते। हालांकि, यह कहना गलत होगा कि कोई भी यूजर अपने पैक में डेटा नहीं चाहता। बल्कि ज्यादातर ऐसा ही चाहते हैं, और उनमें से कुछ ही ऐसे यूजर्स होंगे जो डेटा नहीं चाहेंगे।

Reliance Jio का जवाब

रिलायंस जियो का कहना है कि इसके सर्वे में 90 प्रतिशत यूजर्स ने कहा कि मोबाइल प्लांस किफायती हैं, और 56 प्रतिशत से ज्यादा को लगा कि बंडलिंग ग्राहकों के लिए अच्छी है। जियो ने यह भी कहा कि भले ही यूजर्स को अपने प्लांस में डेटा न चाहते हों, लेकिन UPI भुगतान करने के लिए उन्हें इसकी जरूरत पड़ेगी। यहाँ तक कि टेल्को ने यह भी कहा कि अगर ग्राहकों को बेसिक चीजों के लिए कम डेटा की जरूरत पड़ती है, तो ऐसे प्लांस (कम डेटा के साथ आने वाले) भी मौजूद हैं।

जियो ने कहा, “हमारा मानना है कि केवल वॉइस/एसएमएस प्लांस को अनिवार्य करने की कोई जरूरत नहीं है और इसी के साथ संयम की नीति कायम रखी जानी चाहिए। आगे यह कहा गया है कि इस सेगमेंट के लिए भी बिना डेटा वाले प्लांस प्रदान करके हम इन यूजर्स को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने का मौका खो देंगे।”

Vi का क्या मानना है?

वोडाफोन आइडिया का भी यही मानना है कि केवल एसएमएस/वॉइस प्लांस की जरूरत नहीं है। वोडाफोन आइडिया (Vi) के अनुसार, अगर यूजर्स को ऐसे प्लांस ऑफर किए जाएंगे, तो नॉन-डेटा यूजर्स कभी भी डेटा का इस्तेमाल नहीं करेंगे। यह सरकार के डिजिटल भारत दृष्टिकोण के अनुरूप नहीं होगा। Vi का कहना है कि यूजर्स को अभी ऑफर किए जाने वाले प्लांस को ग्राहकों की जरूरतों के बारे में ध्यानपूर्वक रिसर्च करके बनाया गया है।

Vi ने कहा, “बिना डेटा वाले पैक्स या केवल इनकमिंग पैक्स कोई भी रेगुलेटरी दबाव पिछले कुछ सालों में डिजिटल समावेशन के लिए किए गए प्रयासों को उलट सकता है और किफायत के नाम पर डिजिटल तरीके का इस्तेमाल बंद करने के लिए प्रेरित कर सकता है।”

अंत में निष्कर्ष के तौर पर Vi ने कहा, “प्राधिकरण से हमारा विनम्र निवेदन है कि वॉइस + एसएमएस या केवल डेटा टैरिफ ऑर्डर्स प्रदान करने पर हस्तक्षेप की कोई जरूरत नहीं है।”

Airtel ने भी दी यही सलाह

इसके अलावा, भारती एयरटेल ने भी कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त किए। इस टेलिकॉम ऑपरेटर का मानना भी यही है कि डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण को बनाए रखने के लिए केवल वॉइस और एसएमएस पैक्स को अनिवार्य नहीं किया जाना चाहिए।

Airtel न कहा, “डेटा का लाभ हटाने से न केवल डिजिटल सशक्तिकरण के लाभ से वंचित हो जाएंगे, बल्कि भारत डिजिटल नेतृत्व में भी पिछड़ जाएगा।”

एयरटेल ने कहा कि केवल वॉइस और एसएमएस पैक्स को अनिवार्य करने की कोई जरूरत नहीं है।

Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं।

Connect On :