अडाणी ग्रुप ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में सरप्राइज़ एंट्री की थी। शुरुआत में कयास लगाए जा रहे थे कि अडाणी ग्रुप Jio और Airtel को टक्कर देने वाला है। अडाणी ग्रुप ने स्पष्ट किया कि वह केवल बी2बी क्षेत्र में ग्राहकों की सेवा करना चाहता है। अब यह साफ हुआ है कि अडानी समूह उपभोक्ता गतिशीलता क्षेत्र में एंट्री नहीं करना चाहता है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, यह 6 एलएसए (लाइसेंस सर्विस एरिया) में सेवाएं देगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी डट नेटवर्क ने 6 सर्किलों में यूनिवर्सल लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। ये वही 6 सर्कल हैं जहां अडाणी डाटा नेटवर्क को स्पेक्ट्रम की जरूरत है। समूह तेजी से 5 जी नेटवर्क सेवा शुरू करने जा रहा है। कंपनई की नियामक आवश्यकताओं के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होगी। अडाणी ग्रुप की कंपनी के पास स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने के लिए लाइसेंस नहीं था।
अडाणी डाटा नेटवर्क ने 26 गीगाहर्ट्ज में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा जिसके लिए उन्होंने 212 करोड़ रुपये का भुगतान किया। समूह ने मिड-बेंट स्पेक्ट्रम में भाग नहीं लिया, जो उपभोक्ता के लिए आवश्यक हो सकता है। इस तरह यह साफ हो जाता है कि भले ही अडाणी ग्रुप ने 5 जी स्पेक्ट्रम खरीद हो लेकिन वह अन्य टेलीकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडीअ के 5 जी स्पेक्ट्रम में दखल नहीं देगा। बाजार शुरू होने के बाद अडाणी ग्रुप कंज्यूमर स्पेस में कदम रखेगा।
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संभव है कि जल्द ही भविष्य में ग्रुप इसमें प्रवेश करे। अगर ऐसा होता है तो रिलायंस जियो को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ सकता है। अभी 5 जी सिम को लेकर भी काफी चर्चा चल रही है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि 5 जी सिम की जरूरत नहीं होगी और यह 4 जी सिम पर ही काम करेगा।