भारत सरकार मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट के लिए अनिवार्य इंटरनेट स्पीड में चार गुना बढ़ोतरी करने के लिए काम कर रही है. दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के मुताबिक, कंपनियां अपने 3G, 4G डाटा पैक में एडवर्टाइज्ड इंटरनेट स्पीड की पेशकश नहीं कर रही है.
भारत सरकार ने मोबाइल और ब्रॉडबैंड के लिए अनिवार्य इंटरनेट स्पीड को बढ़ाकर 2Mbps करने की तैयारी शुरू कर दी है. वर्तमान में यह इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के लिए 512Kbps की न्यूनतम स्पीड प्रदान करने की अनिवार्यता है, लेकिन भारत के बढ़ते डिजिटल एजेंडे और आगामी 5G नेटवर्क के मद्देनजर सरकार देश में न्यूनतम अनिवार्य इंटरनेट स्पीड को बढ़ाने की तैयारी में है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दूरसंचार सचिव अरुण सुंदरराजन ने कहा "3G, 4G सर्विस प्रोवाइडर हाई स्पीड डाटा देने के अपने वादे को नहीं निभा पाएं. हम काफी स्लो हैं, इंटरनेट एक्सेस के लिए हमने बहुत कुछ किया लेकिन वास्तव में क्वालिटी सर्विस प्रोवाइड करने में सक्षम नहीं हुए"
2Mbps न्यूनतम अनिवार्य इंटरनेट स्पीड का समर्थन दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) भी कर रहा है. वायरलेस ब्रॉडबैंड प्लान्स के तहत डाटा स्पीड पर अपने कंसल्टेंट पेपर में नियामक(रेग्यूलेटर) ने एडवर्टाइज्ड इंटरनेट की स्पीड और यूजर्स द्वारा वास्तव में अनुभव किए जाने वाली स्पीड के बीच अंतर को भी दिखाया है.
सुंदरराजन ने न्यूनतम डाटा की गति में बढ़ोतरी के बारे में कहा, "2 mbps बेसिक न्यूनतम स्पीड है, हमें यह निश्चित रूप से अनिवार्य करना चाहिए. ये इस से ज्यादा हो सकता है पर कम नहीं.