नवंबर की शुरुआत में, Federal Aviation Administration (FAA) ने सेफ्टी कंसर्न के कारणों से Federal Communications Commission (FCC) से रिक्वेस्ट की थी कि, एयरपोर्ट्स के पास मिड-बैंड और C-बैंड में 5G रोल आउट पर रोक लगाई जाए। इसलिए भारत ने Department of Telecommunications (DoT) की मानते हुए एयरपोर्ट्स के पास C-बैंड में Jio, Vi, और Airtel की 5G सेवा देना बंद करना ही सही समझा है। इन टेलिकॉम कंपनियों को एयरपोर्ट के 2.1km के अंदर 3 GHz to 3.67 GHz फ्रीक्वन्सी में 5G ऑफर न करने का आदेश दिया है ताकि इससे एयरक्राफ्ट उपकरणों में कोई कोई इंटरफेयर न हो।
इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ संभव प्रयास किए जा रहे हैं जैसे कि, Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने एयरोप्लेन्स में Altimeter filters को रिप्लेस करने का निर्णय लिया है। यह काम पूरा होने के बाद टेलिकॉम जायंट्स इन क्षेत्रों में भी 5G नेटवर्क रोल आउट करने में सक्षम हो सकेंगे।
अभी के लिए यह जानना आवश्यक है कि अल्टीमीटर्स 4.2 – 4.4 GHz की एक स्पेसिफिक रेंज में काम करते हैं, इसलिए ये 5G नेटवर्क्स द्वारा एमिट की गई फ्रीक्वन्सी में ठीक तरह से काम नहीं कर पाते। अल्टीमीटर्स का डिसरप्ट होना खराब हो सकता है क्योंकि ये डिवाइस पायलेट को प्लेन और लैंड के बीच की दूरी समझने में मदद करता है ताकि सेफ लैंडिंग सुनिश्चित हो सके।
रिलायंस जियो ने हाल ही में अपने 5G नेटवर्क को पूरे गुजरात में True5G करके लॉन्च कर दिया है, हालांकि इसके पहले पुणे भी इस सेवा का सफलता पूर्वक लॉन्च हो चुका है। एयरटेल ने भी अपना 5G नेटवर्क लॉन्च कर दिया है और यह बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है।