एक दिलचस्प खबर सामने आई है कि BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) के अधिकारियों ने संसद के सदस्यों को यह आश्वासन दिया है कि इस सरकारी टेलिकॉम ऑपरेटर की सेवाएं 6 महीनों में बेहतर हो जाएंगी। अधिकारियों के मुताबिक, काम अभी चल रहा है और 1 लाख टावर लगाने का लक्ष्य 6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह टेलिकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कही गई बात के विपरीत है, जो यह थी कि BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) 1 लाख साइट्स का लक्ष्य संभावित तौर पर 2025 के मध्य तक पूरा करेगा।
PTI रिपोर्ट के अनुसार, MPs (सांसद) ने BSNL द्वारा ऑफर की जाने वाली खराब क्वालिटी की सेवाओं को लेकर चिंता व्यक्त की। मंत्रियों ने खराब सेवाएं मिलने के अपने खुद के उदाहरणों का हवाला दिया क्योंकि वे बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) SIM कार्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अब तक बीएसएनएल भारत में 35000 से ज्यादा टावर लगा चुका है। ऐसे में 1 लाख साइट्स का लक्ष्य एक मिल का पत्थर है जिसे कंपनी देश में विशाल 4G कवरेज ऑफर करने के लिए हासिल करना चाहती है। अपने 4G नेटवर्क के बाद टेलिकॉम ऑपरेटर आने वाले कुछ सालों में अपना 5G रोलआउट करने पर भी विचार करेगी।
BSNL अधिकारियों ने संसदीय समिति को यह भी बताया कि 54000 टावर्स 4G तकनीकी के साथ इंस्टॉल होने के लिए तैयार हैं और अधिक साइट्स को रोलआउट के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए बीएसएनएल मुख्य उपकरण सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिकस (C-DoT) से प्राप्त कर रहा है, जबकि RAN (रेडियो एक्सेस नेटवर्क) उपकरण तेजस नेटवर्क्स से आ रहा है। इसके अलावा TCS (टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़) यहाँ सिस्टम इंटीग्रेटर की भूमिका निभा रही हैं।
सरकार के स्वामित्व वाली यह टेलिकॉम कंपनी तेजी से मार्केट शेयर प्राइवेट टेलिकॉम प्रतिस्पर्धियों को खो रही है। यह इसकी सेवाओं में हाई-स्पीड नेटवर्क्स की कमी के कारण हो रहा है। 4G के आने के साथ BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड) के लिए चीजों में संभावित तौर पर बदलाव आ सकता है। हालांकि, 4G भारत से कहीं नहीं जा रहा है क्योंकि 5G का उपयोग अब भी उपलब्ध नहीं है और ग्राहक इसके लिए जरूर कुछ न कुछ अतिरिक्त भुगतान करेंगे।