BSNL और MTNL के विलय की तैयारी, जानें यह बड़ी वजह

Updated on 24-Oct-2019

जल्द ही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) का विलय किया जायेगा। जी हाँ, केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से इसके रिवाइवल प्लान को मंजूरी मिल रही है। वहीँ इस सम्बन्ध में दूरसंचार मंत्री Ravi Shankar Prasad का कहना है कि BSNL और MTNL टेलीकॉम कंपनियों को बंद नहीं किया जायेगा।  

इसके साथ ही विनिवेश भी नहीं किया जायेगा। इतना ही नहीं, किसी थर्ड पार्टी को भी इसे नहीं दिया जायेगा। बीएसएनएल-एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम दिए जाने पर भी सहमति जताई गई है। रिवाइवल प्लान के मुताबिक MTNL का BSNL में विलय किया जायेगा और बीएसएनएल कर्मचारियों के लिए वीआरएस (VRS) योजना पेश की जाएगी। आपको बता दें कि बीएसएनएल रिवाइवल के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड लाए जाएंगे। साथ ही 38 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बेची जाएगी।

कंपनियों की संपत्ति को बेचने के लिए एक संयुक्त कमेटी बनायी जाएगी। कमेटी में बीएसएनएल, दूरसंचार विभाग और विनिवेश विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। आपको बता दें कि बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का घाटा हुआ था। कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले पांच सालों में 75 हजार रह जाएगी।

वहीँ एमटीएनएल में 22 हजार कर्मचारी फिलहाल हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है।

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