अगर आप बार बार हो रही कॉल ड्राप से परेशान हैं तो उसके लिए टावर का भाव होना जिम्मेदार है, यह कहना है एयरटेल का. क्या यह सही है? या सच्चाई कुछ और ही है.
जो लोग बार बार कॉल ड्राप होने की समस्या का सामना कर रहे हैं, उन्हें बता दें कि उसके लिए टॉवरों का अभाव सबसे बड़ा कारण है, खैर सच्चाई जो भी हो एयरटेल तो यही कह रहा है. बता दें कि बार बार कॉल ड्राप की समस्या अगर हो रही है तो वह टॉवरों की कमी के कारण हो रही है. एयरटेल के बड़ी अधिकारी कह रहे हैं कि टॉवरों से जुड़े रेडिएशन के भ्रम को जितनी जल्द हो सके ख़त्म कर देना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता है तो यह समस्या शायद बनी रह सकती है. औअर अगर इस समस्या से निजात चाहिए तो ज्यादा से ज्यादा टॉवर होने बहुत जरुरी हैं. तभी हम इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
एयरटेल के बड़े अधिकारी (भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ, भारत और दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने हाल ही में कहा है कि, “उन्हें जल्द ही मोबाइल टॉवरों को के लिए स्पेक्ट्रम और जगह दोनों की सख्त जरुरत है. उन्होंने कहा कि राजधानी दिल्ली के एक इलाके लुटियन्स के लिए ही उन्हें लगभग 217 जगहों की जरुरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन केवल अभी हमारे पास केवल 117 जगह ही हैं जहां हम टॉवर लगा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन के भ्रम को लेकर भी जागरूकता की जरुरत है. इसे दूर करना बहुत जरुरी है. बता दें कि अभी कुछ समय पहले ही देश के टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बहुत कुछ कहा था. उन्होंने कहा था कि लोगों को बढ़िया और जरुरी सेवाएं मुहैया कराई जानी चाहिए, इसके साथ ही कॉल ड्राप को लेकर भी अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत है. इसके साथ ही बता दें कि इससे पहले यह भी कहा गया था कि अगर कॉल ड्राप हो रही है तो उसके लिए टेलिकॉम कंपनियों को अपने ग्राहक को उसका भुगतान करना होगा.