मॉडर्न समय में संसाधन का इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जा रहा है. जिसकी वजह से कई जानवरों और पेड़-पौधों के लिए दिक्कतें पैदा हो गई हैं. कई प्राणी पहले से ही विलुप्त हो चुके हैं. जबकि कई विलुप्ति की कतार में खड़े हैं.
International Union for Conservation of Nature के अनुसार, 41,000 से ज्यादा प्रजातियों के जानवर विलुप्त होने के खतरे में शामिल हैं. इसको लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI से भी सवाल पूछा गया. AI से पूछा गया साल 2050 तक कौन से जानवर विलुप्त हो जाएंगे.
AI ने जो इसका जवाब दिया वह काफी चौंकाने वाला था. AI ने इस जवाब को देने के लिए वर्तमान और पिछली घटनाओं की गणनाओं का सहारा लिया. चलिए ज्यादा समय ना लेते हुए आपको बताते हैं AI के अनुसार साल 2050 तक कौन से जानवर विलुप्त हो जाएंगे. इसको लेकल डेली स्टार ने रिपोर्ट किया है.
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डेली रिपोर्ट के अनुसार, AI ने कहा है साल 2050 तक पोलर बियर धरती पर नहीं होंगे. जलवायु परिवर्तन और आर्कटिक सागर की बर्फ के पिघलने के कारण वे खाने की कमी का सामना अभी से कर रहे हैं.
इसके बाद दूसरा जानवर पश्चिमी गोरीला है. तेजी से पेड़ों की कटाई के कारण ये जानवर अपने रहने वाली जगह खो रहे हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में इनका शिकार भी किया जा रहा है. साल 2050 तक सुमात्रा बाघ के भी खत्म होने की उम्मीद एआई ने की है. इनकी संख्या अभी से 600 से कम रह गई हैं.
वैक्विटा को लेकर भी AI ने आशंका जताई है कि साल 2050 तक यह खत्म हो सकती है. यह कई बार मछली पकड़ने वाले जाल में फंस जाती है जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इनकी संख्या केवल 10 ही रह गई है.
जलवायु परिवर्तन पक्षियों की दुनिया पर भी बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है. जिसकी प्रभाव पेंगुइन पर भी काफी ज्यादा पड़ रहा है. ये प्रजनन स्थलों की कमी के कारण 2050 तक विलुप्त हो सकते हैं.
इसके अलावा अटलांटिक पफ़िन पक्षी और न्यू ज़ीलैंड का कैकैपो पक्षी भी साल 2050 तक विलुप्त हो सकते हैं. एआई के अनुसार, कोमोदो ड्रैगन और गैलापागोस के विशाल कछुए भी विलुप्ति के कगार पर हैं. एआई के अनुसार, साल 2050 तक हम गोल्डन टोड को भी खो सकते हैं.
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