अब बिना चीर-फाड़ होगा दिमाग का सीधा स्कैन! अल्ट्रासाउन्ड से कुछ यूं दिमाग का नक्शा दिखाएगी ये तकनीक

अब बिना चीर-फाड़ होगा दिमाग का सीधा स्कैन! अल्ट्रासाउन्ड से कुछ यूं दिमाग का नक्शा दिखाएगी ये तकनीक
HIGHLIGHTS

विज्ञानियों ने दिमाग की गतिविधियों को देखने की एक नई तकनीक बनाई है।

यह अल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है और पहले से इस्तेमाल होने वाली तकनीकों से काफी बेहतर है।

यह दिमाग को समझने और दिमाग से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम है।

विज्ञानियों ने दिमाग की गतिविधियों को देखने की एक नई तकनीक बनाई है। यह ब्रेन मैपिंग का तरीका है, जो अल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है और पहले से इस्तेमाल होने वाली तकनीकों से काफी बेहतर है। इस रिसर्च के बारे में 29 मई 2024 को “Science Translational Medicine” नाम के पेपर में छपा था। यह दिमाग को समझने और दिमाग से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम है।

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के Richard Andersen और यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के न्यूरोसर्जन Charles Liu के नेतृत्व में एक रिसर्च टीम ने दिमाग की बारीकियों को पहले से कहीं ज्यादा साफ देखने का तरीका खोज निकाला है।

उन्होंने यह सफलता एक वॉलन्टियर के सिर की खोपड़ी में एक ऐसी “विंडो” इंस्टॉल करके प्राप्त की, जो आवाज़ को आर-पार जाने देती है। इस खिड़की की वजह से वैज्ञानिक दिमाग की गतिविधि को देखने के लिए एक खास तरह की अल्ट्रासाउंड तकनीक का इस्तेमाल कर सके।

एक व्यक्ति, जिसकी पहचान गुप्त रखी गई है, उसने वैज्ञानिकों द्वारा उसके दिमाग की गतिविधि रिकॉर्ड करते समय कई काम किए, जिनमें वीडियो गेम खेलना और गिटार बजाना शामिल है। वैज्ञानिकों ने उसकी खोपड़ी की हड्डी से गुजरने वाली अल्ट्रासाउंड तरंगों का इस्तेमाल किया। ये तरंगें दिमाग के ऊतकों से टकराकर वापस आती हैं, जिससे वैज्ञानिकों को खून के प्रवाह और दिमाग की कोशिकाओं की गतिविधि का रियल-टाइम का नक्शा मिल जाता है।

इस रिसर्च में दिमाग के पिछले हिस्से, यानि पेरिऑटल कोर्टेक्स पर ध्यान दिया गया। ये इलाके शरीर को हिलाने-डुलाने में मदद करते हैं। इन हिस्सों में खून के दबाव में होने वाले बदलाव को देखकर रिसर्चर्स ने दिमाग की कोशिकाओं की गतिविधि का अंदाजा लगाया। एक्टिव न्यूरॉन्स को ज्यादा ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जो खून का बहाव बढ़ने से मिलते हैं।

यह तकनीक बहुत ही शानदार है, जो दिमाग की गतिविधि को 100 माइक्रोमीटर के दायरे में बता सकती है। आसान शब्दों में समझें तो एक न्यूरॉन का आकार 10 माइक्रोमीटर होता है। यानी यह तकनीक न्यूरॉन जितनी छोटी चीज़ों की गतिविधि को भी दिखा सकती है।

इस स्टडी के नतीजे काफी महत्वपूर्ण हैं। पहली बात तो यह है कि यह दिमाग का नक्शा बनाने के लिए एक आसान तरीका सुझाती है, जबकि अभी जो तरीके हैं वो ज्यादा जटिल और शरीर में चीर-फाड़ करने वाले होते हैं। दूसरी बात यह, कि यह दिमाग से जुड़ी बीमारियों को समझने और उनका इलाज करने में काफी मददगार हो सकता सकती है।

इस रिसर्च की सफलता पहले बंदरों पर की गई रिसर्च पर आधारित है और यह प्रयोगशाला से निकालकर असल ज़िंदगी में इस्तेमाल के लिए एक बड़ी तरक्की है। अब दिमाग की गतिविधि को रियल-टाइम में अस्पताल के बाहर भी जांचा जा सकेगा। यह दिमाग के बारे में रिसर्च करने का एक नया तरीका ऑफर करता है।

इस स्टडी के नतीजे न सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए बड़ी सफलता हैं बल्कि भविष्य में इलाज के लिए भी बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं। यह नई तकनीक बिना किसी चीर-फाड़ के जांच करने की सुविधा देती है, इससे दिमाग से जुड़ी बीमारियों का पता लगाना और उन पर नज़र रखना डॉक्टरों के लिए आसान हो सकता है। इससे इलाज के नए तरीके खोजने में भी मदद मिल सकती है।

इंसानी दिमाग की स्टडी को लेकर विज्ञान लगातार तरक्की कर रहा है। अब दिमाग की मैपिंग करने के लिए अल्ट्रासाउंड तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पहले इस्तेमाल होने वाली तकनीकों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और आसान है। यह विज्ञान और दवा के क्षेत्रों को साथ लाने का एक बेहतरीन उदाहरण है। भविष्य में दिमाग को समझने के लिए अब हमें ज्यादा तकलीफ देने वाली जांचों की जरूरत नहीं पड़ेगी। वैज्ञानिकों की इस खोज से इंसानी दिमाग को समझने में काफी मदद मिलेगी।

Faiza Parveen

Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile

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