Unbelievable! Elon Musk ने पहली बार इंसानी दिमाग में लगाया चिप, इन लोगों के लिए है वरदान!
Neuralink ने एक इंसान के अंदर सफलतापूर्वक पहला ब्रेन चिप इम्प्लान्ट कर दिया है।
कम्पनी के उद्घाटन प्रोडक्ट का नाम 'Telepathy' होगा।
यह शुरुआत में उन लोगों के लिए है जिन्होंने क्वाड्रिप्लेजिया के कारण अपने अंग खो दिए।
क्या होगा अगर हम आपसे कहें कि अब इंसान डिवाइसेज़ के बारे में केवल सोचकर उन्हें कंट्रोल कर सकते हैं? जी हाँ, अब यह संभव है। ऐसा लगता है जैसे हम भविष्य में जी रहे हैं जहाँ तकनीक ने इतनी तरक्की कर ली है कि लोगों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है, जो एक ऐसी चीज है जो हमने केवल फिल्मों में देखी है। क्या इसके बारे में सुनकर ऐसा नहीं लगता जैसे हमें कोई सुपरपॉवर मिल गई हो?
अब सवाल यह उठता है कि यह कैसे संभव है? तो बता दें कि इसके पीछे जो व्यक्ति है वह Elon Musk है। यह उनके लिए Tesla EVs और SpaceX के बाद एक और बड़ी उपलब्धि हो सकती है। एलन मस्क की न्यूरोटेक्नोलॉजी कम्पनी Neuralink ने एक इंसान के अंदर सफलतापूर्वक पहला ब्रेन चिप इम्प्लान्ट कर दिया है। आइए इसके बारे में और विस्तार से जानते हैं।
मस्क ने इस खबर की घोषणा X (ट्विटर) पर की थी कि Neuralink ने सफलतापूर्वक ‘Link’ नाम का एक ब्रेन चिप पहले इंसान के अंदर इम्प्लान्ट कर दिया है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कम्पनी के उद्घाटन प्रोडक्ट का नाम ‘Telepathy’ होगा। अब सवाल यह है कि “Link” इम्प्लान्ट किसे करवाना चाहिए? आइए हम आपको बताते हैं।
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The first human received an implant from @Neuralink yesterday and is recovering well.
— Elon Musk (@elonmusk) January 29, 2024
Initial results show promising neuron spike detection.
Neuralink ब्रेन चिप इम्प्लान्ट किसे करवाना चाहिए?
एलन मस्क ने X पर पोस्ट किया कि यह शुरुआत में उन लोगों के लिए है जिन्होंने क्वाड्रिप्लेजिया के कारण अपने अंग खो दिए। जो लोग अनजान हैं उनके लिए बता दें कि क्वाड्रिप्लेजिया एक विशेष तरह का लकवा होता है। यह चिप एक साथ रखे हुए पाँच सिक्कों के साइज़ का है जिसे मरीज के दिमाग में इम्प्लान्ट किया जाएगा। यह स्थिति को सही तरह से समझने में मदद करेगा।
इसके अलावा जो सबसे खास बात है वह यह है कि वे अपने स्मार्टफोन्स या कम्प्यूटर्स को केवल अपने दिमाग से इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि दिमाग में चिप इम्प्लान्ट करवाने वाले मरीज की उम्र कम से कम 22 साल होनी चाहिए और उसके पास एक देखभाल करने वाला होना चाहिए।
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खैर, यह एक बड़ी हैरानी वाली बात है कि अब इंसान ऐसी अद्भुत चीजें कर सकते हैं। हालांकि, यह पहला ह्यूमन इम्प्लान्ट है इसलिए अभी हम इसके साइड इफेक्ट नहीं जानते। अगर कोई भी गड़बड़ी हुई, तो यह सुनने में जितना बढ़िया लगता है उतना ही खराब भी हो सकता है।
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile