भारत 2021 की दूसरी तिमाही में COVID-19 की दूसरी लहर से काफी प्रभावित हुआ था। इसी दौरान स्मार्टफोन की मांग प्रभावित हुई थी, फिर भी कंपनियां पिछले साल के जैसे ही ज्यादा से ज्यादा स्मार्टफोंस को शिप करने में कामयाब रहीं। ऐसा इसलिए है क्योंकि देश 2020 की दूसरी तिमाही में पूर्ण लॉकडाउन से गुजर रहा था। इस कारण पिछले इन दो सालों की तुलना में यह साल ज्यादा बेहतर कहा जा सकता है।
Canalys के अनुसार, भारत स्मार्टफोन बाजार Q1 और Q2 2021 के बीच 13% गिरा है। अब यहाँ आपको बता देते है कि आंकड़े कहते हैं कि बाजार इस साल की दूसरी तिमाही में 32.4 मिलियन यूनिट शिप करने में कामयाब रहा है।
हमेशा की तरह, Xiaomi शिपमेंट में 9.5 मिलियन यूनिट और 29% मार्केट शेयर के साथ चार्ट पर हावी रहा। इसके बाद सैमसंग 5.5 मिलियन यूनिट और 17% बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर था। इसके अलावा, विवो की भी दक्षिण कोरियाई टेक दिग्गज यानी सैमसंग की तरह 17% बाजार हिस्सेदारी हासिल कर सका है, लेकिन शिपमेंट में 5.4 मिलियन यूनिट ही सेल कर पाया है।
चौथा स्थान रियलमी ने हासिल किया, जबकि ओप्पो पांचवें स्थान पर रहा। हालाँकि इसके पहले 4.9 मिलियन यूनिट शिप की थी जबकि बाद में 3.8 मिलियन यूनिट शिप की। उनकी बाजार हिस्सेदारी क्रमशः 15% और 12% थी।
कैनालिस एनालिस्ट संयम चौरसिया के अनुसार, भारत में दूसरी COVID-19 लहर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की उपस्थिति के साथ समान व्यवहार करने के लिए ओईएम के लिए एक जागृत कॉल थी। Xiaomi जैसे ब्रांडों, जिनकी ऑनलाइन उपस्थिति बेहतर है, ने भयानक स्थिति के बावजूद बहुत अच्छा काम किया। रियलमी के बारे में भी यही कहा जा सकता है। Redmi Note 10 सीरीज और Realme Narzo 30 सीरीज ऑनलाइन सबसे ज्यादा शिप किए जाने वाले मॉडल में से कुछ थे। इसका मतलब है कि देश में महामारी के बावजूद भी Xiaomi-Realme की पकड़ मज़बूत रही है।
ऐसा भी कहा जा रहा है कि, हालांकि भारत स्मार्टफोन बाजार Q2 के अंत तक ठीक होना शुरू हो गया था, लेकिन इस साल 2020 की तरह वर्ष की दूसरी छमाही में मांग में वृद्धि नहीं होगी। अंत में, कंपोनेंट्स की कमी के कारण न केवल स्मार्टफोंस की कीमत बढ़ेगी इसके साथ ही ब्रांड्स की क्षेत्रीय अवमूल्यन का अभ्यास भी बढ़ जाने वाला है।