स्मार्टफोन में टाइम ऑफ़ फ्लाइट ToF कैमरा क्या काम करता है?
स्मार्टफोंस बाज़ार में तेज़ी से ग्रो कर रहे हैं और कम्पनियां भी इसे देखते हुए कई नए फीचर्स और इनोवेशन के साथ आ रही हैं। इन फीचर्स में मल्टीप्ल रियर कैमरा, पंच-होल सेल्फी कैमरा और फोल्डेबल फॉर्म फैक्टर आदि शामिल हैं।
आज हम बात कर रहे हैं टाइम-ऑफ़-फ्लाइट (ToF) कैमरा तकनीक के बारे में जो कि इस समय काफी चर्चा में है। Huawei इस तकनीक को यूज़ कर चुका है और हो सकता है अब एप्पल भी इस तकनीक को अपने डिवाइसेज़ में शामिल करे।
Time Of Flight (ToF) कैमरा होता क्या है?
ToF डेप्थ इनफार्मेशन को निर्धारित करने के ल इए इन्फ्रारेड लाइट (लेज़र जिन्हें मनुष्य की आंखों से नहीं देखा जा सकता है) का उपयोग करता है, ये कुछ इस तरह है जैसे चमगादड़ अपने आसपास के माहौल को पहचानता है। यह सेंसर एक लाइट सिग्नल निकालता है जो कि सब्जेक्ट को हिट कर के वापिस सेंसर पर आता है। फिर वापिस जाने के इस टाइम को मापा जाता है और डेप्थ मैपिंग कैपबिलिटी उपलब्ध कराता है। यह अन्य तकनीकों पर बड़ी जीत है क्योंकि केवल एक सिंगल लेज़र में यह पूरे सीन की दूरी को मेजर कर सकता है।
अन्य 3D डेप्थ रेंज स्कैनिंग टेक्नोलॉजी (जैसे स्ट्रक्चर लाइट कैमरा/प्रोजेक्टर सिस्टम) की तुलना में ToF टेक्नोलॉजी सस्ती है। ये सेंसर्स 160fps तक पहुंच सकते हैं जिसका मतलब है ये रियल टाइम एप्लीकेशंस जैसे ऑन-दा-फ्लाई विडियो आदि में बैकग्राउंड को ब्लर करने के लिए बढ़िया हैं। ये प्रोसेसिंग पॉवर का एक छोटा हिस्सा ही इस्तेमाल करते हैं। एक बार डाटा डिस्टेंस को कलेक्ट करने के बाद ऑब्जेक्ट डिटेक्शन जैसे फीचर्स को आसानी सही अल्गोरिथम के साथ लागू किया जा सकता है।
Time-of-Flight कैमरा क्या करता है?
ToF कैमरा सेंसर दूरी और वोल्यूम मापने के साथ ही ऑब्जेक्ट स्कैनिंग, इंडोर नेविगेशन, ओब्स्टेकल अवॉयड, जेस्चर रेकोग्निशन, ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग और रिएक्टिव ऑल्टमीटर को मेजर करने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। सेंसर द्वारा डाटा को 3D इमेजिंग के लिए भी उपयोग कर सकते हैं और यह ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) अनुभव को और बेहतर बनाता है। फोन में ToF कैमरा सेंसर्स को 3D फोटोग्राफी, AR और पोर्ट्रेट मोड के लिए उपयोग किया जाता है।
यह कह सकते हैं कि ToF कैमरा पोर्ट्रेट मोड में फोटो का बैकग्राउंड अच्छे तरीके से फोटो को ब्लर कर देता है। ToF कैमरा लो-लाइट सिचुएशन में भी अच्छा काम करता है क्योंकि यह सेंसर इन्फ्रारेड लाइट का इस्तेमाल करके डिस्टेंस को माप लेता है।
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