चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर कंपनी श्याओमी का भारत में कोई विशाल गुप्त गोदाम नहीं है, जहां हम बिना बिके हैंडसेट को ले जाकर फेंक देते हैं। जबकि वास्तव में हमारे हैंडसेट की बिक्री किसी अन्य ब्रांड की तुलना में कहीं अधिक तेजी से होती है। श्याओमी इंडिया के प्रबंध निदेशक और वैश्विक उपाध्यक्ष मनोज कुमार जैन ने कंपनी के विकास को लेकर यह बात कही है।
भारत में श्याओमी के कारोबार का विकास तेजी से हुआ है, खासतौर से पिछली दो तिमाहियों में इसने सैमसंग को शीर्ष स्थान से हटा दिया है। इसने दक्षिण कोरियाई दिग्गज को चिंता में डाल दिया है, जो सालों से भारतीय बाजार में शीर्ष पर थी। सैमसंग ने वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय बाजार में कुल 34,300 करोड़ रुपये का कारोबार किया है।
सैमसंग का कहना है कि "बिक्री में बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है, लेकिन इससे बाजार हिस्सेदारी का पता नहीं चलता है"। इस पर जैन ने कहा कि श्याओमी का वितरण नेटवर्क काफी चुस्त है और हम जो भी उत्पाद स्थानीय स्तर पर बनाते हैं, या जिन उत्पादों का आयात करते हैं, उनकी बिक्री तुरंत हो जाती है।
जैन ने आईएएनएस को बताया, "हमारी बिक्री अन्य ब्रांडों की तुलना में काफी तेजी से हो रही है, जबतक कि मैं यहां कोई बड़ा-सा गुप्त गोदाम बनाऊं, जहां बिना बिके हैंडसेट को फेंकता जाऊं।"
जैन ने कहा, "हमारे पास एक हफ्ते की भी इंवेंट्री नहीं होती, जबकि अन्य ब्रांड्स के पास दो-तीन महीनों की इंवेंट्री होती है। हमारे जो जनवरी के दूसरे हफ्ते का स्टॉक होता है, वह जनवरी के तीसरे हफ्ते तक बिक जाता है।"
वहीं, आईएएनएस को दिए हाल के एक साक्षात्कार में सैमंसग इंडिया के वैश्विक उपाध्यक्ष असीम वारसी ने उन खबरों को खारिज किया था, जिसमें कहा गया था कि सैमसंग की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी घट रही है।
वारसी ने आईएएनएस को बताया था, "जर्मनी की रिसर्च फर्म जीएफके की रपट में कुल बिक्री की जानकारी दी गई है, जो बाजार हिस्सेदारी मापने का सबसे महत्वपूर्ण औजार है। हैंडसेट की बिक्री महत्वपूर्ण है, लेकिन वे अंतिम बाजार हिस्सेदारी की जानकारी नहीं देते।"
जैन के मुताबिक, श्याओमी इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) की रपट में भरोसा करती है, जो कुल बिक्री की जानकारी रखते हैं, चाहे वह ऑनलाइन हो या ऑफलाइन हो।