उत्पादन में देरी के बाद अब ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए Apple की आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन कथित रूप से हजारों छात्र/छात्राओं से iPhone X के एसेंबल फैक्ट्री में काम करवा रही है, जहां उन्हें ओवरटाइम काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी मिली है.
द फाइनेंसियल टाइम्स के मुताबिक, 17-19 आयु वर्ग के छात्र/छात्राओं को सितंबर में इंटर्न (प्रशिक्षु) के रूप में भर्ती किया गया था और उन्हें झेंगझोऊ की एसेंबलिंग यूनिट में काम करने के लिए कहा गया है, जहां उन्हें 'ग्रेजुएट होने के लिए काम का अनुभव पाने के लिए' तीन महीने तक काम करना होगा.
यांग जो एक दिन 1200 iPhone X का कैमरा एसेंबल कर रही हैं, उनके हवाले से रिपोर्ट में कहा गया, "इस काम का हमारी पढ़ाई से कोई लेनादेना नहीं है. हमें हमारे स्कूल ने यहां काम करने के लिए मजबूर किया है."
वे उन 3,000 छात्र/छात्राओं के समूह में से हैं, जो झेंगझोऊ अर्बन रेल ट्रांसिट स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और अब वे स्थानीय फॉक्सकॉन संयंत्र में काम करने को मजबूर हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया, "Apple और फॉक्सकॉन को यह जानकारी है कि विद्यार्थी इटर्न ओवरटाइम काम कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि वे इसे ठीक करेंगे. लेकिन दोनों कंपनियों का कहना है कि विद्यार्थी स्वेच्छा से काम कर रहे हैं."
फॉक्सकॉन के मुताबिक, उसका इंटर्नशिप कार्यक्रम "स्थानीय सरकार और चीन के कई व्यावसायिक स्कूलों के सहयोग से चलाया जा रहा है."
द गार्जियन की रिपोर्ट में बताया गया कि चीन में पांच साल पहले फॉक्सकॉन की अन्य तीन फैक्ट्रियों में भी सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी नियमों के उल्लंघन तथा कामकाज के घंटों से अधिक काम करवाने के मामले सामने आए थे.
द गार्जियन की रिपोर्ट में न्यूयार्क की गैरलाभकारी संस्था चायना लेबर वॉच के कार्यकारी निदेशक ली कियांग के हवाले से बताया गया, "जब Apple के उत्पादन की मांग होती है, तो Apple पूरी तरह से उन श्रमिक मानकों को नजरअंदाज कर देता है जो उन्होंने निर्धारित किया है. Apple फैक्ट्रियों को कर्मियों से ओवरटाइम काम कराने की अनुमति दे देता है. और विद्यार्थी कर्मियों को रात की शिफ्ट में काम कराने तथा ओवरटाइम काम कराने की छूट दे देता है."
iPhone X की कीमत 64 GB वाले वर्जन की 89,000 रुपये तथा 256 GB वर्जन की 1.02 लाख रुपये है.