रिलायंस इंडस्ट्री ने कुछ चीनी फ़ोन निर्माताओं से बात की है कि वह अपने स्मार्टफोंस में दामों में कुछ गिरावट कर लें ताकि यह स्मार्टफोंस आपको लगभग 30 डॉलर (Rs. 2,000) से भी कम में आपको मिल सके. ठीक उसी तरह रिलायंस इसे फिर से अजमाना चाहता है जैसे उसने लगभग 1 दशक पहले किया था, यह भारतीय बाज़ार में रिलायंस का पहला गोता था, जिसके बाद उसने इपनी एक अलग पहचान बनाई थी क्योंकि वह सबसे पहले सबसे सस्ते फोंस बाज़ार में लाया था. और ऐसा ही कुछ वह फिर से करना चाहता है.
इंडस्ट्री और कम्पनी के कुछ निजी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि रिलायंस जो देश में अपना पहला 4G नेटवर्क चलाने वाला है. लगभग अगले महीने तक यह आरम्भ हो जाएगा, उसने कई मोबाइल फोंस निर्माताओं से जैसे जीओनी, हुवावे और श्याओमी से इसी को लेकर बात की है, ताकि वह भी अपनी पहुँच इस बढ़ते बाज़ार में बना सकें.
टेलिकॉम सेक्टर में फिर से अपनी पहुँच बनाने के लिए पिछले 5 सालों में 4G रिलायंस जीओ पर लगभग 13 मिलियन डॉलर खर्च किये हैं. पर इस सेवा ने बहुत सी परेशानियों का सामना किया है, अपने नेटवर्क से प्रतिस्पर्धा की है. इसके साथ ही इस सेवा ने कम दाम वाले फोंस न होने के कारण भी बड़ी समस्याएं झेली हैं. रिलायंस साफ़ तौर पर आम जन तक इस नई 4G सेवा को पहुचना चाहता है वह भी कम दामों में और यह रिलायंस के बड़े फायदे का सौदा होगा.
रिलायंस का इस ओर वापस लौटना एक बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है. जहां 10 में से हर एक व्यक्ति स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल करता है, और साथ ही 1.3 बिलियन की जनसंख्या जहां ज्यादातर लोग अपने स्मार्टफ़ोन के द्वारा ही इन्टरनेट का इस्तेमाल करते हैं, वहां रिलायंस को कितना बड़ा फायदा होने वाला है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. और अगर बोस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप के शोधों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 2018 तक भारत में इन्टरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 550 मिलियन होने वाली है, जो एक बड़ी संख्या कही जा सकती है. यह संख्या पश्चिमी यूरोप की जनसंख्या से भी अधिक है.