भारत में सेकेंड हैंड मोबाइल भी खूब बिकते हैं. इसका खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है. हर साल भारतीय स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर लगभग 145-150 मिलियन नए स्मार्टफोन शिप करते हैं. जिस वजह से इस मामले में चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है. यानी, देश में सेकेंड हैंड स्मार्टफोन्स की भी खूब बिक्री होती है.
आगे बढ़ने से पहले आपको बता दें कि साल 2021 से स्मार्टफोन मार्केट मध्यम रूप से बढ़ा है. लेकिन स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, फोन बदलने का समय पहले 24 महीने का था. अब यह बढ़कर 36 महीने पर पहुंच गया है.
इंटरनेशनल डेटा कॉरर्पोशन (IDC) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन की डिमांड इसलिए बढ़ रही है क्योंकि 650 मिलियन मोबाइल यूजर्स में से केवल एक तिहाई के पास 5G फोन है. ज़्यादातर लोग अभी भी 4G पर अटके हुए हैं.
स्मार्टफोन के प्रीमियम होने की वजह से यूजर्स सेकेंड-हैंड फोन की ओर रुख कर रहे हैं. इस सेगमेंट में Apple, Xiaomi और Samsung ने अपना दबदबा बनाकर रखा है. Apple ने पिछले कुछ सालों में नए iPhones की सेल्स भी काफी की है.
इसके अलावा सेकेंड बाजार में भी इसका दबदबा है. यूजर्स सबसे अधिक सेकेंड हैंड आईफोन खरीदना पसंद करते हैं. इस वजह से ऐपल सेकेंड हैंड मोबाइल मार्केट में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है. इसके बाद श्योमी और सैमसंग का नंबर आता है. सैमसंग अलग-अलग प्राइस सेगमेंट में अपनी पकड़ बनाकर रखा है. इस सेगमेंट में Apple, Xiaomi और Samsung लगभग 67 परसेंट बाजार पर कब्जा जमाये हुए हैं.
सेकेंड हैंड मोबाइल बाजार बढ़ने के पीछे कई स्टार्टअप्स को भी वजह बताया गया है. सीधे बिक्री के अलावा सेकेंड फोन को सबसे ज्यादा Cashift, Budlii, Instacash और Yaantra जैसी वेबसाइट से लोग खरीदते हैं. ये वेबसाइट दरअसल स्टार्टअप कंपनियां हैं. इन सभी ने कस्टमर्स के बीच भरोसा और विश्वास कायम करने में हासिल की. जिसकी वजह से लोग सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने में हिचकिचाते नहीं है.
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