स्मार्टफोन में आपके इतने ज़रूरी डाक्यूमेंट्स, कॉन्टेक्ट्स और मीडिया फाइल्स होते हैं कि अगर आपका फोन हैक हो जाए तो यह एक बहुत बड़ी मुसीबत बन सकता है और यह प्राइवेसी के लिए भी एक बड़ा ख़तरा बन जाता है।
स्मार्टफोंस का उपयोग जितना आसान है लेकिन इनके खोने का डर, या चोरी होने का ख़तरा भी उतना ही ज्यादा है क्योंकि ये छोटे डिवाइसेज़ होते हैं जिन्हें कई बार छोटी-सी नज़रअन्दाज़ी की वजह से खोना पड़ सकता है। अपने फोन को हैकर्स या इस तरह की घटनाओं से बचाए रखने और इसमें मौजूद कॉन्टेंट को सुरक्षित रखने के लिए आपको कुछ टिप्स अपनाने चाहिएं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
सॉफ्टवेयर कम्पनियां अक्सर सॉफ्टवेयर्स को अपडेट करती रहती हैं और केवल ऊपरी बनावट को अपडेट नहीं किया जाता है बल्कि स्मार्टफोंस में कई बग फिक्सेज़ और इम्प्रूवमेंट्स को भी शामिल किया जाता है। सिक्योरिटी अपडेट्स के ज़रिए आप अपने स्मार्टफोन को कई तरह के डाटा लीक्स या स्कैंडल्स से बचा सकते हैं।
शॉपिंग सेंटर्स, कैफे, एयरपोर्ट्स या किसी भी पब्लिक प्लेस में ओपन Wi-Fi का उपयोग कोई भी कर सकता है और यह ऑनलाइन होने वाले किसी भी नुकसान को निमंत्रण देने जैसा है। अपना निजी फोन कनेक्शन उपयोग करने की कोशिश करें और Wi-Fi को बंद रखें। अगर ऐसा मुमकिन नहीं है तो VPN ऐप का इस्तेमाल करें जो कि एन्क्रिप्टेड कनेक्शन के ज़रिए आपकी सुरक्षा बनाए रखेगा। इसके अलावा पब्लिक प्लेस में बिना वजह ब्लूटूथ ऑन भी न रखें।
हमेशा अपने डिवाइस में चार से छह डिजिट का पासकोड सेट करें। अगर पासकोड नहीं सेट करना चाहते हैं तो आजकल फोंस में फिंगरप्रिंट सेंसर्स और फेस अनलॉक फीचर्स भी मिलते हैं जिन्हें आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को यूज़र्स इसलिए पसंद नहीं करते हैं क्योंकि इसमें थोड़ी अधिक मेहनत लगती है लेकिन ये पासवर्ड्स की तरह आपके फोन को अधिक सुरक्षा दे पाता है।
पासवर्ड्स सेट करने में अधिक समय नहीं लगता है हालांकि जब पासवर्ड बनें तो वो ऐसे होने चाहिए जो आसानी से कोई हैकर क्रैक न कर सके।
फोन को हैक करने का सबसे आसान तरीका ऐसे ईमेल्स भी होते हैं जो आपको लालच दें या जिन्हें पढ़ कर अंदाज़ा हो जाता है कि ये झूठ है या गलत डील है। इस तरह के ईमेल और मैसेजेस से बचें।
अपने स्मार्टफोंस में फाइंड माय डिवाइस या फाइंड माय आईफोन फीचर को ऑन रखें जिससे आपका डिवाइस खो जाने या चोरी हो जाने पर आप आसानी से इसका पता लगा सकें।
हैकर्स द्वारा अपने फोन की प्राइवेसी और इसके कॉन्टेंट को सुरक्षित रखने के लिए अपने मोबाइल फोन में एंटी वायरस ऐप का उपयोग करें।
यह ध्यान रखें कि आपके फोन में मौजूद ऐप्स किसी ऐसे ऐप का एक्सेस तो नहीं मांग रहे हैं जिसकी ज़रूरत नहीं है ऐसा है तो परमिशन को अपने मुताबिक एक्सेस दें। आप कैमरा, माइक्रोफोन, कॉन्टेक्ट्स, लोकेशन आदि की परमिशन को ग्रांट या डिनाय कर सकते हैं।
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