पिछले सप्ताह आई कुछ खबरों से पता चला कि गूगल ने अपने नए एंड्राइड एम ऑपरेटिंग सिस्टम की घोषणा करने की योजना बना ली है. हालाँकि अभी गूगल की आई/ओ कांफ्रेंस के सेनफ्रांसिस्को में होने में कुछ समय बाकी रह गया है. इसके साथ ब्लूमबर्ग के अनुसार गूगल के नए एंड्राइड एम में आपकी प्राइवेसी का ज्यादा ख़याल रखा जाएगा. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से कहा जा रहा है कि गूगल के इस नए एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम के आपके पास बहुत से चॉइस होगी कि किसी ऐप पर आपको क्या एक्सेस करना है और वह क्या एक्सेस नहीं कर सकते.
अगर इन रिपोर्ट्स पर गौर किया जाए तो एंड्राइड एम के आने के बाद यूजर्स को इस बात का निर्णय लेना हा पूरा अधिकार होगा कि उन्हें अपनी फोटो, लोकेशन, कांटेक्ट डिटेल्स, कॉल लोग, कैलेंडर डिटेल्स,कॉल डिटेल्स आदि के जानकारी किसी ऐप को इनस्टॉल करते हुए देनी है या नहीं. आजकल यूजर्स के सामने एक बड़ी लिस्ट होती है जिसमें केवल परमिशन ही भरी होती हैं और न चाहकर भी हमें उनकी जानकारी एक ऐप को डाउनलोड करते हुए देनी पड़ती है.
कुछ एंड्राइड यूआई जैसे MIUI, अमीगो यूआई और साइनोजेनमोड अभी भी इस तरह की प्राइवेसी आपको देते हैं पर यह कुछ सीमित स्मार्टफोंस तक ही सिमट कर रह गए हैं. एक पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम साइनोजेनमोड आपको ऐसी कुछ सुविधा देता है, जिसके माध्यम से कोई भी ऐप आपकी प्राइवेसी को किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचता. दूसरी ओर कस्टम यूआई जैसे अमीगो यूआई आपको आज़ादी देता है कि आप अपनी इनफार्मेशन शेयर करें या नहीं.
हाल ही में, प्राइवेसी की इस मांग को एंड्राइड लोलीपॉप के समय से ही देखा जा रहा है. इसी के चलते कंपनी ने फ़ोन में एन्क्रिप्शन सेटिंग की घोषणा की. अगर ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट को सच माना जाए तो एंड्राइड अब और अधिक सिक्योर और प्राइवेसी को लेकर अधिक सचेत हो जाएगा.
सोर्स: ब्लूमबर्ग