USSD Call Forwarding: डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम्युनिकेशंस (DoT) ने हाल ही में भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अवैध कॉल फॉरवर्डिंग के जरिए हो रही धोखाधड़ी की कई घटनाओं के जवाब में उन्होंने देशभर में टेलिकॉम ऑपरेटर्स के लिए 15 अप्रैल से USSD-आधारित कॉल फॉरवर्डिंग सेवाओं को डीएक्टिवेट करना अनिवार्य कर दिया है।
DoT के नोटिस में लिखा गया था कि, “सक्षम प्राधिकारी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि सभी लाइसेंस धारक अगला नोटिस आने से पहले 15 अप्रैल, 2024 से मौजूदा USSD-आधारित कॉल फॉरवर्डिंग सेवाएं बंद कर देंगे।”
USSD (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंट्री सर्विस डेटा) कॉल फॉरवर्डिंग फोंस पर एक फीचर होता है जो आपको इनकमिंग कॉल्स को एक नंबर से दूसरे नंबर पर रीडायरेक्ट करने की अनुमति देता है। सेटिंग्स का इस्तेमाल करने के बजाए आप इसे एक्टिवेट या डीएक्टिवेट करने के लिए अपने फोन पर स्पेसिफिक कोड्स (*401#) डायल कर सकते हैं। ऐसा करने से बैलेंस चेक करना, IMEI जैसी डिवाइस की जानकारी प्राप्त करना, दूसरे फोन पर कॉल्स फॉरवर्ड करना या उन्हें वॉइसमेल पर भेजने जैसे कुछ फीचर्स आसान बन जाते हैं।
यह फैसला धोखाधड़ी वाली गतिविधियों, कॉल फॉरवर्डिंग फीचर का गलत इस्तेमाल और बढ़ते हुए ऑनलाइन घोटालों को लेकर बढ़ती हुई चिंताओं के जवाब में आया है।
अगर अभी आपके नंबर पर कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट है, तो सर्विस सस्पेंड होने के बाद आपको उसे दोबारा एक्टिवेट करना होगा। DoT का कहना है कि यूजर्स को कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिवेट करने के लिए दूसरे तरीकों का इस्तेमाल करना होगा, हालांकि उन तरीकों के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। अब टेलिकॉम कंपनियों को यूजर्स के लिए कॉल फॉरवर्डिंग को संभालने के लिए दूसरे तरीके ऑफर करने होंगे।
ध्यान दें कि DoT ने अभी केवल इस सेवा को रोकने का आग्रह किया है, न कि इसे हटाने का, इसलिए उम्मीद है कि गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी से बचने के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों के साथ भविष्य में इस सिस्टम को और भी सुरक्षित रूप में पेश किया जा सकता है।