Digital Arrest Scam: शनिवार को दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक महिला ने 6 घंटों के अंदर 2 लाख रुपए गंवा दिए जिसके दौरान उन्हें घोटालेबाजों द्वारा ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ के तहत रखा गया था, जो खुद को CBI अधिकारी बता रहे थे।
आरोपी ने यह दावा करके महिला को पैसे भेजने पर मजबूर किया कि उनके पति, जो नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के एक कर्मचारी हैं, उन्हें एक रेप केस में गिरफ्तार कर लिया गया है और अगर उन्होंने भुगतान नहीं किया तो वे इस मामले को फैला देंगे।
आगे पुलिस ने बताया कि बिहार के रहने वाले तीनों घोटालेबाज — राजू राय (29), गुड्डू कुमार शर्मा (29) और पप्पू कुमार (22) को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह घटना पिछले हफ्ते उत्तर पूर्व दिल्ली में घटी थी जिसके बाद पीड़िता के पति ने पुलिस से संपर्क किया।
डेप्युटी पुलिस कमिश्नर (उत्तर पूर्व) Joy Tirkey ने बताया, “NMDC के एक कर्मचारी की ओर से एक शिकायत आई थी कि उनकी पत्नी को एक अनजान नंबर से कॉल आया और कॉल करने वाले खुद को CBI क्राइम ब्रांच के अधिकारी बता रहे थे।”
आगे Tirkey ने कहा, “उन्होंने महिला को उनके पति को एक रेप केस में गिरफ्तार करने की जानकारी दी और उन्हें छोड़ने के लिए 2 लाख रुपए की मांग की और भुगतान न करने पर उनके पति की गिरफ़्तारी के मामले को फैला देने और रिशदारों और दोस्तों में उनकी छवि को खराब कर देने की धमकी दी।”
DCP ने कहा, तीनों घोटालेबाजों की बातों में आकर महिला ने कथित तौर पर, मांगी गई रकम धोखेबाजों द्वारा प्रदान किए गए दो बैंक खातों में ट्रांसफ़र कर दी। घोटालेबाजों ने लगभग 6 घंटों तक महिला को फोन डिस्कनेक्ट नहीं करने दिया।
साथी ही अधिकारी ने कहा कि, अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और खुफिया और तकनीकी निगरानी के आधार पर बिहार के कई क्षेत्रों में छापा मारा गया था और तीनों को पकड़ लिया गया था।
आखिर में Tirkey ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधियों के अन्य मामलों में शामिल होने की जांच की जा रही है और उनके बाकी साथियों को पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है।
‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ एक दाव-पेंच है जहां साइबर अपराधी पीड़ितों के साथ घोटाला करने के लिए उन्होंने उनके घरों में रोक कर रखते हैं। अपराधी लगातार कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दिखावा करते हुए AI-जनरेटेड वॉइस और वीडियो तकनीकी का इस्तेमाल करके ऑडियो और वीडियो कॉल्स करके पीड़ित के अंदर डर पैदा करते हैं।