12000 रुपये तक की कीमत वाले चीनी स्मार्टफोन पर बैन! देखें क्या है असल मामला
भारत में 12000 रुपये तक की कीमत वाले चीनी स्मार्टफोन्स पर बैन नहीं लगेगा।
हालांकि कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट ऐसा कहती है कि भारत में इस कीमत में आने वाले चीनी स्मार्टफोन्स को बैन कर दिया जाने वाला है।
अब एक नई जानकारी इस रिपोर्ट का खंडन कर रही है।
सरकार के कुछ सूत्रों के अनुसार सामने आ रहा है कि भारत में 12000 रुपये तक की कीमत वाले स्मार्टफोन्स पर बैन नहीं लगाया जाने वाला है। इस बात की जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आ रही है जो CNBC TV18 से मिल रही है। असल में 29 अगस्त को एक सरकारी सूत्र की ओर से CNBC TV18 को जनकैर दी गई है कि भारत में चीनी स्मार्टफोन्स जिनकी कीमत 12000 रुपये अंदर है, उनपर बैन लगाने का सरकार का कोई प्लान नहीं है। हालांकि एक रिपोर्ट कुछ टाइम पहले सामने आई थी, जिसके अनुसार ऐसा कहा जा रहा था कि भारत में जल्द ही 12000 रुपये तक की कीमत के अंदर आने वाले चीनी स्मार्टफोन्स को बैन कर दिया जाने वाला है।
यह भी पढ़ें: सैमसंग ट्रांसपेरेंट रियर डिस्प्ले के साथ डुअल-स्क्रीन फोन पर कर रहा काम
इस मुद्दे से जुड़े एक व्यक्ति की ओर से जानकारी दी गई है कि सरकार का भारत से किसी भी विदेशी ब्रांड को हटाने का कोई भी प्लान नहीं है।
Govt on Reports of Ban on Chinese phones: No such proposal for banning Chinese phones costing below Rs. 12000.
"In our scheme of things, there is space for Indian brands, Indian suppliers… will not work to the exclusion of foreign brands."@AshmitTejKumar reports. pic.twitter.com/eeR3hk60oS
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) August 29, 2022
पिछली रिपोर्ट क्या कहती है?
भारत सरकार कथित तौर पर माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन और अन्य जैसे घरेलू ब्रांडों को बढ़ावा देने के लिए चीन स्थित स्मार्टफोन खिलाड़ियों पर कम-अंत वाले स्मार्टफोन (12,000 रुपये से कम) बेचने पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है।
सोमवार को सामने आए सूत्रों का हवाला देते हुए ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश 'चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं को अपने लड़खड़ाते घरेलू उद्योग को किक-स्टार्ट करने के लिए 12,000 रुपये (150 डॉलर) से कम कीमत में डिवाइस बेचने से प्रतिबंधित करना चाहता है।'
यह भी पढ़ें: 30W चार्जिंग के साथ आएगा Apple iPhone 14 Pro
इस मामले के करीबी लोगों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि यह कदम चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं को 'दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल बाजार के निचले हिस्से से बाहर' कर सकता है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, सरकार की मंशा, अगर सच है, तो शाओमी और रियलमी जैसी कंपनियों को एक बड़ा झटका लगेगा, जिन्होंने भारत में उप- 150 डॉलर (12,000 रुपये और उससे कम) खंड में लगभग 50 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा कर लिया है।
शोध निदेशक तरुण पाठक ने आईएएनएस को बताया, "कुल मिलाकर, 150 डॉलर से कम के स्मार्टफोन ने इस साल जून तिमाही में भारत में कुल स्मार्टफोन वॉल्यूम में 31 फीसदी का योगदान दिया, जबकि 2018 में इसी तिमाही में यह 49 फीसदी था।"
पाठक ने कहा, "चीनी ब्रांड इन वॉल्यूम में 75-80 फीसदी का दबदबा रखते हैं क्योंकि पिछली कुछ तिमाहियों में जियो फोननेक्स्ट में तेजी आई है। इस सेगमेंट में फिलहाल रियलमी और शाओमी का दबदबा है।"
यह भी पढ़ें: अक्टूबर में स्टैंडअलोन गेमिंग ऐप को बंद करेगा फेसबुक
शेन्जेन स्थित ट्रान्शन हॉल्डिंग्स, जिसके पास टेकनो, इंफिनिक्स और आइटेल जैसे ब्रांड हैं, देश में लो-एंड और किफायती सेगमेंट में एक दुर्जेय खिलाड़ी है। ट्रान्शन ग्रुप ब्रांड्स (आइटेल, इंफिनिक्स और टेकनो) ने दूसरी तिमाही में भारत के हैंडसेट बाजार में 12 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा कर लिया।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, जहां आईटेल ने 6,000 रुपये से कम के स्मार्टफोन सेगमेंट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ नेतृत्व किया, वहीं टेक्नो ने देश में 8,000 रुपये से कम के स्मार्टफोन सेगमेंट में दूसरे स्थान पर कब्जा कर लिया। भारत ने पहले ही चीनी निर्माताओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और हाल ही में ओप्पो, वीवो और शाओमी जैसी चीनी स्मार्टफोन कंपनियों पर छापे इस बात को साबित करते हैं।
भारत सरकार तीन चीनी मोबाइल कंपनियों- ओप्पो, वीवो इंडिया और शाओमी द्वारा कथित कर चोरी के मामलों की जांच कर रही है। डीआरआई ने वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगभग 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगाया। सीमा शुल्क अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क की मांग करते हुए वीवो इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अप्रैल 2020 से, चीनी फर्मो से केंद्र सरकार को प्राप्त 382 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों में से, भारत ने 29 जून को केवल 80 को मंजूरी दी।
यह भी पढ़ें: इन चार शहरों में ही मिलेगी 5G सेवा, पूरे देश में कब तक आएगी 5G सर्विस?
Digit Hindi
Ashwani And Aafreen is working for Digit Hindi, Both of us are better than one of us. Read the detailed BIO to know more about Digit Hindi View Full Profile