कॉल ड्रॉप की समस्या आजकल देश में काफी ज्यादा हो गई है और दूरसंचार नियामक ट्राई ने टेलिकॉम ऑपरेटर्स के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाते हुए घोषणा की है कि अब से कॉल ड्रॉप होने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा के रूप में Rs. 1 दिया जाएगा. दरअसल ट्राई ने कॉल ड्रॉप के लिए उपभोक्ताओं को मुआवजा देने की सिफारिश की है. ट्राई ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से कहा है कि उन्हें हर कॉल ड्रॉप के लिए Rs. 1 का मुआवज़ा देना होगा.
दूरसंचार नियामक ट्राई की यह सिफारिशें 1 जनवरी से लागू की जाएगी. लेकिन एक दिन में सिर्फ 3 कॉल्स के लिए ही मुआवजा दिया जाएगा. ट्राई की सिफारिश के अनुसार मुआवजा तीन कॉल प्रति दिन तक ही सीमित होगा. कॉल ड्रॉप होने के 4 घंटे के अंदर ही टेलीकॉम ऑपरेटरों को कंज्यूमर को SMS के जरिए मुआवजे की राशि की जानकारी देनी होगी. पोस्ट-पेड यूज़र के लिए मुआवज़े का ब्योरा अगले महीने की बिल में दिया जाएगा.
आपको बता दें कि इससे पहले दूरसंचार नियामक ट्राई ने गुरुवार को कहा था कि मुंबई और दिल्ली में 'कॉल ड्रॉप' के मामले में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है और टेलीकॉम ऑपरेटर मानकों को पूरा करने के मामले में विभिन्न मोर्चे पर पीछे हैं. ट्राई का कहना है कि मुंबई में कोई भी मोबाइल सेवा प्रदाता मानक को पूरा नहीं कर पा रहा है जबकि दिल्ली में तीन प्रमुख कंपनियां एयरटेल, वोडाफोन तथा एयरसेल गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के मामले में पीछे पाई गईं.
वहीं, कॉल ड्रॉप की समस्या के बीच सरकार ने गुरुवार को खराब सेवा के लिए कंपनियों पर लगाया जाने वाले जुर्माने को विनियामक द्वारा घोषित नए नियमों के तहत दोगुना कर दिया.
इस बारे में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपने वेबसाइट पर नए नियम जारी किए हैं, जिसमें बताया गया है कि कंपनियों पर किसी भी एक तिमाही में मानक का पहली बार अनुपालन नहीं करने पर एक लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा, जिसके लिए पहले 50 हजार रुपये जुर्माना था.
कंपनियों की सेवा को लगभग 15 मानकों पर परखा जाता है, जो तकनीकी और ग्राहक सेवा दो प्रमुख श्रेणियों में बंटे होते हैं. इसके साथ ही भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि एक ही मानक पर लगातार दो या अधिक तिमाही खरा नहीं उतरने पर जुर्माना राशि डेढ़ लाख रुपये हो जाएगी और उसके बाद हर तिमाही जुर्माना राशि दो लाख रुपये तक ली जा सकती है.
इसके अलावा भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह भी कहा है कि कंपनी यदि दो डिफॉल्टिंग तिमाहियों के बीच एक तिमाही मानक पर खरा उतर जाती है, तो जुर्माना राशि फिर से एक लाख रुपये हो जाएगी.