इस वर्जन के जरिए यूजर्स का फीडबैक लेकर ऐप को अंतिम स्वरूप दिया जाता है. उसके बाद ऐप का रेगुलर वर्जन लॉन्च किया जाता है. यूजर के फीडबैक के आधार पर निर्माता कंपनी ऐप के बीटा वर्जन में बदलाव भी करती है.
यूट्यूब की इस सर्विस की शुरुआत पिछले साल सितंबर में की गई थी. यूट्यूब की इस नई सर्विस में कई नए फीचर्स मौजूद हैं. यूट्यूब गो में यूजर किसी वीडियो को सेव करने या प्ले करने से पहले उसका प्रीव्यू देख सकेगा.
इस सर्विस के जरिए यूजर्स किसी वीडियो को अपने फ्रेंड्स के साथ शेयर कर सकते हैं. वीडियो शेयर करने के लिए यह जरूरी है कि दूसरे यूजर ने भी यूट्यूब गो इंस्टॉल कर रखा हो. यह शेयरिंग वाई फाई डायरेक्ट के जरिए की जा सकेगी.
इसके अलावा जब यूजर किसी वीडियो को सेव करना चाहेंगे तो इसमें उनको यह विकल्प भी मिलेगा कि वह अपनी इच्छानुसार रिजल्यूशन में वीडियो सेव कर सकेंगे. गूगल ने इससे पहले अपने मैप्स फीचर में भी कई नए फीचर्स ऐड किये थे.