आपका फोन सुन रहा है आपकी एक एक बात! ये खबर देखकर पैरों तले से खिसक जाएगी जमीन

Updated on 04-Sep-2024

यह कहानी सुनने में अब आपको शायद अजीब लगे, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कभी एक समय ऐसा था जब हमें यह भी शक था कि हमारा फोन हमारी बातें सुन सकता है? पहले तो इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं था, लेकिन अब एक मार्केटिंग फर्म की रिपोर्ट ने इसे एक हकीकत बना दिया है। लंबा समय बीत चुका है, लेकिन अब हमने यह जान लिया है कि कुछ कंपनियाँ वास्तव में हमारे फोन के माइक्रोफोन का उपयोग करती हैं।

क्या हमारे फोन सचमुच हमारी बातें सुनते हैं?

एक मार्केटिंग फर्म, जिनके ग्राहक Google और Facebook जैसे बड़े नाम हैं, ने खुद स्वीकार किया है कि ये कंपनियाँ यूजर्स की सोच और बातचीत को एकत्रित करने के लिए फोन के माइक्रोफोन का इस्तेमाल करती हैं। इसका मतलब है, जब हम अपने फोन के पास निजी बातें करते हैं, तो हमारे फोन शायद सच में सुन रहे होते हैं।

मेरे एक दोस्त का कहना है कि जब हम दोनों किसी विषय पर बात करते हैं, तो थोड़ी ही देर में मेरे फोन पर उसी विषय से जुड़े विज्ञापन आने लगते हैं। मैं उसे हमेशा कहता था कि ऐसा कैसे हो सकता है, लेकिन अब इस रिपोर्ट को पढ़कर मैं भी हैरान हूं। 404 मीडिया की रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि फोन सिर्फ आपके सर्च ट्रेंड्स पर ही नहीं, बल्कि आपके फोन के पास की बातचीत पर भी ध्यान देता है। रिपोर्ट का कहना है कि आपके फोन में ऐसे कई ऐप्स हो सकते हैं जो एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर के साथ आते हैं।

एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर क्या है?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कॉक्स मीडिया ग्रुप ने निवेशकों के सामने एक प्रस्तुति में खुलासा किया है कि एक्टिव लिसनिंग तकनीक बातचीत की निगरानी और विश्लेषण के लिए AI का उपयोग करती है। यह तकनीक आपकी हर हरकत पर नज़र रखती है और विज्ञापन देने वालों को आपकी वॉयस डेटा एक्सेस करने का मौका देती है। इससे विज्ञापन देने वालों को यह जानकारी मिलती है कि आपको कौन से विज्ञापन दिखाए जाएं और आपको क्या खरीदना चाहिए।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह तकनीक यूजर्स के “बातचीत और ऑनलाइन व्यवहार” पर डेटा ट्रेल इकट्ठा करती है। AI-संचालित सॉफ़्टवेयर “470+ स्रोतों से व्यवहार और वॉयस डेटा” एकत्र करता है और उसका विश्लेषण करता है।

एक साल में तीसरी बार सामने आई यह खबर

यह खबर एक साल में तीसरी बार सामने आई है जब 404 मीडिया ने संदिग्ध एक्टिव लिसनिंग सॉफ्टवेयर के बारे में खुलासा किया है। दिसंबर में, 404 मीडिया ने एक मार्केटिंग कंपनी को आक्रामक तकनीक के लिए उजागर किया था। इसके अलावा, इसने कॉक्स मीडिया ग्रुप के गुप्त एक्टिव लिसनिंग फीचर पर भी प्रकाश डाला है, जो ग्राहकों के डेटा पर नज़र रखता है।

सच्चाई यह है कि हम अब इस डिजिटल युग में हैं, जहां हमारे व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता बन गई है। अपने स्मार्टफोन और अन्य डिवाइसेज के साथ बातचीत में सतर्क रहना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं।

Connect On :