UIDAI के CEO ने बताया आधार में स्मार्ट चिप की जरुरत क्यों नहीं है .
भारत ने आधार, यूनिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टम (विशिष्ट पहचान प्रणाली) को 2009 में लॉन्च किया और अगले 8 सालों के दौरान, यह दुनिया की सबसे बड़ी आईडेंटिफिकेशन (पहचान) प्रोजेक्ट बन गई. हालांकि, ये 8 साल आसान नहीं रहें और वर्तमान में, अपने 9वें साल में भी महत्वपूर्ण निजी डाटा को संभालने के मामले पर ‘आधार’ लगातार सवालों के घेरे में रहा. फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध टॉप सेलिंग स्मार्टफोंस
ट्विटर चैट में UIDAI के CEO डॉ अजय भूषण पांडे ने कई सवालों के जवाब दिए और ‘आधार’ के लिए चिप-सक्षम कार्ड के लागू होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘आधार’ एक कार्ड-लेस डिजिटल पहचान है और इसमें चिप की कोई जरुरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि ‘आधार’ आपके बायमेट्रिक पर आधारित एक डिजिटल पहचान है, साथ ही आपके मोबाइल नंबर भी इससे लिंक होते हैं. ये किसी स्मार्ट कार्ड या चिप पर आधारित नहीं है क्योंकि ये बायोमेट्रिक पर आधारित है, इसलिये ‘आधार’ में किसी चिप या स्मार्ट कार्ड की जरुरत नहीं है.
कई देशों द्वारा चिप-सक्षम राष्ट्रीय पहचान कार्ड का उपयोग किया जाता है. ऐसा करने की वजह निजी बॉयोमेट्रिक डाटा की चोरी को रोकने के लिए सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ना है. यह भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2015 में जारी सर्कुलर के अनुसार अनिवार्य रूप से बैंक द्वारा जारी किए गए नए चिप-सक्षम डेबिट और क्रेडिट कार्ड के समान है.
इनकी तुलना में ‘आधार’ को ये बात खास बनाती है कि इसमें 12 डिजिट का यूनिक (विशिष्ट) नंबर है, जो नागरिक के फोटोग्राफ, 10 ऊंगलियों के निशान (फिंगरप्रिंट्स) और 2 आइरिस स्कैन को मैप करता है.
एक नागरिक UIDAI सर्वर पर संग्रहित इंफॉर्मेशन के साथ अपने फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन के जरिये कई सर्विसेज का लाभ उठा सकता है. हाल ही में, दूरसंचार कंपनियां विशेषकर रिलायंस जियो ने ‘आधार’ आधारित प्रमाणीकरण को लागू करके अपनी पंजीकरण (रेजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया में तेजी लाई थी.
आधार डाटा में सेंध की हालिया रिपोर्ट के बाद, UIDAI को कई बार स्पष्टीकरण देना पड़ा कि सभी उपयोगकर्ताओं के बॉयोमेट्रिक और व्यक्तिगत डाटा सुरक्षित हैं. UIDAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का बयान कि (‘आधार’ को चिप की कोई जरुरत नहीं है) ये संकेत देती है कि आधार कार्ड में स्मार्ट चिप के इस्तेमाल की फिलहाल कोई योजना नहीं है.