Apple को टक्कर देने की तैयारी में Xiaomi? रिपोर्ट में खुलासा बना रहा खुद का चिपसेट, जानें क्या होगा फायदा
मोबाइल कंपनियों में केवल Google और Samsung ही अपना चिपसेट खुद तैयार करती हैं. बाकी मोबाइल कंपनियां Qualcomm या Mediatek जैसी चिपसेट बनाने वाली कंपनियों पर निर्भर रहती हैं. लेकिन इसमें अब एक नाम और जुड़ सकता है. Google और Samsung के बाद Xiaomi भी अपना खुद का चिपसेट बनाने वाला अगला बड़ा स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरर हो सकता है.
इसको लेकर Bloomberg ने रिपोर्ट किया है. Bloomberg की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि यह चीनी स्मार्टफोन निर्माता एक इन-हाउस चिपसेट पर काम कर रहा है. इस चिपसेट को यह साल 2025 यानी अगले साल ही पेश कर सकता है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब Xiaomi चिपसेट खेल में कदम रख रहा है. लेकिन इस बार कंपनी की योजना अलग है.
रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, Xiaomi न केवल 2025 तक अपना खुद का चिपसेट रिलीज करने की योजना बना रहा है, बल्कि यह उसी साल बड़े पैमाने पर उत्पादन भी शुरू कर सकता है. Xiaomi का यह कदम दूसरे चीनी टेक्निकल ब्रांड के साथ भी मेल खाता है. कंपनी की पूरी योजना विदेशी चिप निर्माताओं Qualcomm और Mediatek पर निर्भरता कम करने की है. ये दोनों चिप बनाने वाली कंपनियां फिलहाल बाजार में हावी हैं.
आपको बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध ज्यादा अच्छे नहीं हैं. इस वजह से ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं. Xiaomi का यह पहल महत्वपूर्ण तकनीकों में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है. फिलहाल यह साफ नहीं है कंपनी की आगे की रणनीति क्या है.
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साल 2017 में ला चुका है खुद का चिप
लेकिन जैसा की ऊपर बताया गया है यह पहली बार नहीं है जब कंपनी चिपसेट के बाजार में कदम रख रही है. साल 2017 में Xiaomi ने अपने इन-हाउस Surge S1 प्रोसेसर से चलने वाले Mi 5c स्मार्टफोन को लॉन्च किया था. लेकिन, कमर्शियली यह ज्यादा सक्सेस नहीं हो पाया था.
ऐपल की तरह होगा Xiaomi का खुद का इको-सिस्टम
अगर Xiaomi अपना खुद का प्रोसेसर बनाने में सफल होता है तो यह Apple की तरह हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर में खुद का कंपोनेंट यूज करेगा. इससे यह अपने डिवाइस को यूजर्स के लिए बेहतर ऑप्टिमाइजेशन के साथ दे पाएगा. इसके अलावा कंपनी की लागत भी इससे बचेगी और इसका इकोसिस्टम पर बेहतर कंट्रोल रहेगा.
हालांकि, पेपर पर यह काफी शानदार लगता है लेकिन चिपसेट बनाना और मार्केट में पेश करना इतना आसान नहीं रहा है. चिपसेट को बनाना काफी कॉम्पलैक्स, रिसर्च और पैसे खर्च करने वाला काम है. इस बिजनेस में पहले से मौजूद Intel और NVIDIA जैसे प्लेयर्स को भी कई बारी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile