Facebook पर 3 साल से थे फ्रेंड..बाद में पता चली सच्चाई तो पैरों तले खिसक गई जमीन, सच्चाई जान उड़े होश
हम अक्सर फिल्मों या कहानियों में ही परीकथा जैसे अंत देखते हैं. लेकिन, कई बार रियल दुनिया में भी ऐसी कहानी आती है जिसको लेकर हमें विश्वास करने में थोड़ा समय लगता है. सोशल मीडिया ऐप Facebook के जरिए ऐसी ही एक कहानी घटी है. Facebook के कारण जॉर्जिया की एक महिला को एक अनोखा अनुभव हुआ.
फेसबुक की वजह से महिला की मुलाकात अपने जैविक पिता से हो पाई. वे दोनों अनजाने में फेसबुक पर एक-दूसरे के दोस्त थे. Tamuna Museridze नाम की महिला ने अपने जैविक मां-पिता की तलाश तब शुरू की जब साल 2016 में उन्हें पालने वाली महिला की मौत हो गई थी. उस समय तक उसे लगता था कि उसे पालने वाली महिला ही उनकी जैविक मां है.
एक दिन उसे अपना बर्थ सर्टिफिकेट मिला. इसमें उसके जन्म की तारीख गलत थी. जिसके बाद उसे संदेह हुआ कि उसे शायद गोद में लिया गया था. जिसके बाद उन्होंने अपने जैविक मां-बाप की खोज फेसबुक के जरिए शुरू की. BBC की रिपोर्ट के अनुसार, Tamuna ने VedZeb नाम का एक Facebook ग्रुप शुरू किया.
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1984 में हुआ था जन्म
ग्रुप बनाने के तुरंत बाद उसे जॉर्जिया की एक महिला का मैसेज मिला. उसने दावा किया कि वह एक दूसरी महिला को जानती है जिसने अपनी गर्भावस्था को छिपाया था और सितंबर 1984 में एक बच्चे को जन्म दिया था. उसी महीने Tamuna का जन्म हुआ था. संबंध को कन्फर्म करने के लिए Tamuna ने उस संपर्क करने वाली महिला के साथ DNA टेस्ट कराया. रिजल्ट से पता चला कि वे उसकी चचेरी बहन थी.
DNA रिजल्ट आने के बाद उसने अपनी चचेरी बहन से अपनी जैविक मां के बारे ज्यादा जानकारी मांगी. आखिरकार वह अपनी जन्म देने वाली मां से कॉन्टैक्ट करने में कामयाब रही. चीजों को समझाने के बाद उसकी मां ने स्वीकार कर लिया वह ही उसकी जैविक मां है. उसकी मां ने Tamuna को उसके जैविक पिता का नाम भी बता दिया. उसके पिता का नाम Gurgen Khorava है.
3 साल फ्रेंड थे उसके जैविक पिता
आश्चर्य वाली बात थी कि उनके जैविक पिता उसे फेसबुक पर फॉलो कर रहे थे. उन्हें यह अहसास नहीं था वे 3 साल से उनके साथ फेसबुक पर फ्रेंड थे. इसके बाद उसने पश्चिमी जॉर्जिया में अपने पिता से मिलने की व्यवस्था की. आपको बता दें कि Tamuna Museridze पेशे से पत्रकार हैं. उसने सैकड़ों परिवारों को फिर से मिलाने का काम कर रही है.
उन्होंने जॉर्जिया में एक बच्चा तस्करी घोटाले की भी जांच की जिसने कथित तौर पर हजारों जीवनों को प्रभावित किया था. लेकिन, उसकी मां ने उसे स्वेच्छा से उन्हें छोड़ दिया था. दरअसल Tamuna के जैविक माता-पिता शादीशुदा नहीं थे. उनकी माँ ने अपनी गर्भावस्था को छिपाने के लिए उसे गोद देने का फैसला किया था. लेकिन, इतने सालों के बाद अब आखिरकार फेसबुक की वजह से उसके जैविक मां-पिता मिल गए.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile