कुछ वैज्ञानिकों ने एक मशीन तैयार की है जिससे Wi-Fi signals को आसानी से बिजली में बदला जा सकता है। इसके चलते अब ऐसा संभव होगा कि बिना बैटरी के ही इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज किया जा सकेगा।
खास बातें:
- ऊर्जा में बदल जाते हैं Wi-Fi सिग्नल्स
- Rectenna AC को बदलते हैं DC में
- Wi-Fi सिग्नल्स को कैप्चर करते हैं Rectenna
अमेरिका के Massachusetts Institute of Technology (एमआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक मशीन तैयार की है जो वाईफाई सिगनल को बिजली में बदल देती है। इस तरह बिना डिवाइस को प्लग इन किये, भी डिवाइस को आसानी से चार्ज किया जा सकता है। इस मशीन का नाम रेक्टेना है। यह डिवाइस वाई-फाई सिगनल में मौजूद अल्टरनेटिंग करंट को डायरेक्ट करंट में बदल सकता है।
Massachusetts institute of Technology (MIT) के रिसर्चर्स की मानें तो उनका कहना है कि AC करंट को DC करंट में बदलने के लिए रेक्टिफायर की आवश्यकता होती है। यह molybdenum disulfide (MoS2) रेक्टिफायर से बनाया गया, जो बहुत पतला और लचीला है। आपको बता दें कि इस प्रोसेस में इस्तेमाल होने वाला नया रेक्टिफायर 10 गीगाहर्ट्ज तक की फ्रीक्वेंसी को भी बिजली में बदल सकता है। वही इसके साथ ही मेड्रिड की टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर का कहना है कि MoS2 से लिथियम लीक नहीं होता। इस वजह से इनका उपयोग मेडिकल डिवाइस में भी किया जा सकता है जो मरीजों के लिए भी सुरक्षित है।
रिसर्चर्स का कहना है कि उन्होंने जब MoS2 से बनी इस डिवाइस का टेस्ट किया तो उन्होंने पाया कि 150 माइक्रोवॉट के वाई-फाई सिगनल से लगभग 40 माइक्रोवॉट की बिजली पैदा हुई। इसके बात यह साफ़ हो जाता है कि इतनी बिजली मोबाइल के डिस्प्ले और सिलिकॉन चिप के लिए काफी है। इस तरह वाई-फाई सिगनल का जितना इनपुट होगा, उसके बदले 30% तक आउटपुट मिलेगा।
आखिर कैसे काम करता है Rectenna?
रेक्टेना डिवाइस Wi-Fi में मौजूद इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों को रेडियो-फ्रीक्वेंसी एंटेना की मदद से AC वेव्स के रूप में पकड़ता है। ये टू-डायमेंशनल सेमीकंडक्टर से जुड़ा होता है और काफी लचीला होता है। इसके बाद वाईफाई एसी वेव्स सेमीकंडक्टर में चली जाती हैं और डीसी वोल्टेज में बदल जाती हैं। इस डिवाइस की मदद से इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और बैटरी को चार्ज किया जा सकता है।