असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों और कामगारों को E-Shram Card योजना के तहत रजिस्टरेशन करने पर वित्तीय लाभ मिलते हैं।
यह श्रमिकों का एक बड़ा डेटाबेस प्रदान करता है और कल्याणकारी योजनाओं की सुविधा देता है।
आइए इसके बारे में सभी जरूरी बातों को विस्तार से जानते हैं।
असंगठित क्षेत्रों के मजदूरों और कामगारों को E-Shram Card योजना के तहत रजिस्टरेशन करने पर वित्तीय लाभ मिलते हैं। इसका विकास ‘मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट’ द्वारा किया गया था और यह योजना 26 अगस्त, 2021 में लॉन्च हुई था। यह श्रमिकों का एक बड़ा डेटाबेस प्रदान करता है और कल्याणकारी योजनाओं की सुविधा देता है। आप भी अपने आसपास के मजदूरों और कामगारों को यह कार्ड बनवाने के लिए जागरूक कर सकते हैं। आइए इसके बारे में सभी जरूरी बातों को विस्तार से जानते हैं।
E-Shram Card का उद्देश्य क्या है?
ई-श्रम कार्ड का उद्देश्य CSCs, श्रमिक सुविधा केंद्रों और राज्य सेवा केंद्रों में सेल्फ-रजिस्ट्रेशन के जरिए, बिना किसी शुल्क के प्रवासी मजदूरों, निर्माण मजदूरों, घरेलू सहायकों, सड़क विक्रेताओं, वेटर्स, ब्यूटीशियन्स, हस्तशिल्प निर्माताओं, मछुआरों और खेती करने वाले श्रमिकों जैसे लोगों की मदद करना है।
पात्रता: कौन-कौन बनवा सकता है E-Shram Card?
सभी असंगठित क्षेत्रों के कामगार जिनकी उम्र 16 से 59 साल के बीच है, जिनमें श्रमिक और रोजमर्रा के दिहाड़ी मजदूर भी शामिल हैं, वे ई-श्रम कार्ड के लिए रजिस्टर करने के लिए सक्षम हैं। ध्यान दें कि वे EPFO/ESIC या NPS के सदस्य नहीं होने चाहिए।
Self Registration पर यूजर को अपना आधार से लिंक मोबाइल नंबर डालना होगा।
इसके बाद कैप्चा एंटर करें और यूजर Employees’ Provident Fund Organization (EPFO) या Employees’ State Insurance Corporation (ESIC) का सदस्य है या नहीं उस ऑप्शन को चुनें और फिर Send OTP पर क्लिक करें।
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आगे यूजर को अपनी बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि डाल कर आगे की प्रक्रिया को फॉलो करना होगा।
रजिस्ट्रेशन के दौरान यूजर को वेरिफिकेशन के लिए पासपोर्ट-साइड फोटोग्राफ और कैंसल्ड चेक या बैंक पासबुक जैसे सहायक दस्तावेज़ों को अपलोड करने की जरूरत पड़ सकती है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सफलतापूरक पूरी होने के बाद एक रसीद प्रदान की जाएगी और ई-श्रम कार्ड जनरेट हो जाएगा। यह कार्ड रजिस्टर्ड श्रमिक के लिए एक अनोखी पहचान के तौर पर काम करता है और यह श्रमिक के आधार नंबर से लिंक होता है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) -(बुढ़ापे की सुरक्षा)
व्यापारियों और स्वरोजगारों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS)
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना (PMJJBY)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
अटल पेंशन योजना
PDS
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY -G)
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) -(बुढ़ापे की सुरक्षा)
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY)
बुनकरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना (HIS)
प्रधानमंत्री किसान मनधन योजना
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (NSKFDC)
हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास के लिए स्व-रोज़गार योजना
इनमें से कुछ महत्वपूर्ण योजनाओं की पात्रता और लाभ ये हैं:
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) -(बुढ़ापे की सुरक्षा): इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। इसके तहत 50 प्रतिशत मासिक योगदान लाभार्थी द्वारा भुगतान किया जाता है और उसके बराबर का भुगतान केन्द्रीय सरकार द्वारा किया जाता है। इस योजना के लिए सक्षम होने के लिए लाभार्थी की उम्र 18 से 40 साल होनी चाहिए और मासिक आय 15000 रुपए से कम होनी चाहिए। लाभार्थी की मृत्यु के बाद उसके पति/पत्नी को 50% मासिक पेंशन दी जाती है। अगर दोनों ही इस योजना के साथ जुडते हैं तो वे कुल 6000 रुपए की मासिक पेंशन के लिए सक्षम होंगे।
व्यापारियों और स्वरोजगारों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS): इस योजना में भी पति/पत्नी के योगदान के अलावा बाकी सभी लाभ एक जैसे मिलते हैं। इसके अलावा सालाना आय 1.5 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अटल पेंशन योजना: इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी का बैंक अकाउंट आधार से लिंक होना चाहिए और उसकी उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। लाभों की बात करें तो इस योजना के तहत लाभार्थी अपनी मर्जी से 1000-5000 रुपए प्राप्त कर सकता है या फिर वह अपनी मृत्यु के बाद पेंशन की कुल राशि भी प्राप्त कर सकता है। कुल राशि पति/पत्नी या नॉमिनी को दे दी जाएगी।
प्रधानमंत्री किसान मनधन योजना: यह योजना छोटे और हाशिए पर रहने वाले किसानों के लिए है। इस योजना में कदम रखने के लिए भी लाभार्थी की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा उसके पास संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार 2 हेक्टेयर तक की खेती लायक भूमि होनी चाहिए। इस योजना के लाभों में प्रतिमाह 3000 रुपए की सुनिश्चित पेंशन और भारतीय सरकार की ओर से समान योगदान शामिल है।
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं।