बिजलीकरण की निगरानी के लिए वेब पोर्टल ‘सौभाग्य’ लॉन्च

Updated on 17-Nov-2017
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विद्युत मंत्री ने कहा कि 4 करोड़ घरों का बिजलीकरण एक बड़ी चुनौती है, फिर भी सरकार ने सभी राज्यों के सहयोग से दिसंबर, 2018 तक यह लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है.

विद्युत व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के.सिंह ने प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना के तहत 'सौभाग्य' वेब पोर्टल लॉन्च किया. इस पोर्टल को वेबसाइट पर देखा जा सकता है. इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि सौभाग्य-डैश बोर्ड घरों के बिजलीकरण की प्रगति की निगरानी का एक ऐसा मंच है, जो घरेलू बिजलीकरण की स्थिति (राज्य, जिला, गांवों के क्रम में), लाइव आधार पर प्रगति, राज्यवार लक्ष्य और उपलब्धि तथा बिजलीकरण की मासिक प्रगति के बारे में सूचनाओं का प्रसार करेगा.

विद्युत मंत्री ने कहा कि 4 करोड़ घरों का बिजलीकरण एक बड़ी चुनौती है, फिर भी सरकार ने सभी राज्यों के सहयोग से दिसंबर, 2018 तक यह लक्ष्य प्राप्त करने का संकल्प व्यक्त किया है. इससे भारत के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा. 

उन्होंने कहा, "सरकार विद्युत पारिस्थितिकी प्रणाली में परिवर्तन ला रही है और प्रीपेड तथा स्मार्ट मीटरों के माध्यम से सभी नये बिजली कनेक्शन के लिए मीटर की व्यवस्था अनिवार्य बनाने का काम कर रही है. सिंह ने कहा कि इससे गरीब लोगों के लिए बिजली का बिल भरना आसान होगा, बिजली नुकसान में कमी आएगी और बिजली बिल भुगतान परिपालन में वृद्धि होगी."

सिंह ने सौभाग्य पोर्टल की चर्चा करते हुए कहा कि इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये सभी राज्य बिजलीकरण कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी देंगे और इससे राज्य बिजली कंपनी/डिस्कॉम के लिए उत्तरदायी प्रणाली बनेगी. 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मिजोरम, नगालैंड, छत्तीसगढ़ और असम सहित सात राज्यों ने सौभाग्य योजना के अंतर्गत बिजली मंत्रालय से कोष की मांग की है.

बिजली वितरण कंपनियां गांवों/गांवों के समूहों में शिविर लगाएंगी और मौके पर आवेदन करने तथा घरों को बिजली कनेक्शन देने संबंधी आवश्यक दस्तावेजों को पूरा करने में मदद करेंगी. 

सिंह ने बताया कि उनके मंत्रालय ने एनटीपीसी को ताप विद्युत संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए कोयले के साथ 10 प्रतिशत तक फसलों के अवशेष मिलाने का निर्देश दिया है. इससे पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में खरपतवार और पराली जलाने में कमी आएगी और वायु प्रदूषण कम होगा. 

उन्होंने कहा कि इस कदम से किसानों को 5,500 रुपए प्रति टन फसल अवशेष के लिए प्राप्त होगा. फसल अवशेष एकत्रित करने के लिए अवसंरचना तैयार की जा रही है और एनटीपीसी इस संबंध में शीघ्र ही निविदा जारी करेगी. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को सौभाग्य योजना शुरू की थी. यह योजना 12,320 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन सहित 16,320 करोड़ रुपए की है. सौभाग्य योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी इच्छुक घरों और शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिया जाता है. देश में 4 करोड़ घरों का बिजलीकरण नहीं हुआ है और दिसंबर, 2018 तक इन घरों को बिजली देने का लक्ष्य रखा गया है.

IANS

Indo-Asian News Service

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