Vivo PMLA Case: जानिए Lava के MD के साथ आखिर क्यों ED ने गिरफ्तार किए ये लोग, क्या है पूरा माजरा | Tech News

Updated on 11-Oct-2023
HIGHLIGHTS

ED ने Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत चार लोगों को गिरफ्तार करके कस्टडी में रखा है।

July 2022 में भी ED की ओर से Vivo और कुछ लोगों पर रेड की गई थी।

Vivo India की ओर से लगभग 1,25,185 करोड़ रुपये की सेल की गई, हालांकि लगभग 62,476 करोड़ रुपये अलग करके रख लिए, ताकि कंपनी को घाटे में दिखाया जा सके।

Vivo इस समय देश में खबरों में बना हुआ है, हालांकि Vivo का खबरों में बना रहना एक अजीब से कारण से है। चीनी स्मार्टफोन कंपनी एक मनी लॉन्ड्रिन्ग केस में लिप्त पाई गई है। इस केस में Enforcement Directorate (ED) ne Lava MD के साथ लगभग 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस लिस्ट में एक चीनी नागरिक भी है। आइए जानते है कि आखिर क्या है पूरा माजरा।

ED की ओर से Money Laundering Case में लगभग 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों में Lava MD Hari Om Rai के साथ एक चीनी नागरिक Guangwen Kyang हैं। इसके अलावा इस लिस्ट में Chartered Accountant Nitin Garg और अन्य व्यक्ति Rajan Malik है।

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अबय यहाँ सवाल उठता है कि आखिर इन लोगों को किस कारण गिरफ्तार किया गया है? असल में July, 2022 में Vivo और कंपनी से लिंक कुछ लोगों पर ED की एक Raid की गई थी। हालांकि इस रेड के बाद ऐसा माना गया है कि एक बड़ा Money Laundering Scandal चल रहा है। इस स्कैन्डल में बहुत सी भारतीय कंपनी और चीनी नागरिक शामिल हैं।

Hari Om Rai, MD of Lava

इसके अलावा ऐसा भी देखा गया है कि Tax Payments को स्किप करके Vivo की ओर से चीन में भारत से लगभग 62,476 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

ED को इस मामले के बारे में कैसे भनक लगी?

ईडी ने इस कथित रैकेट का पता तब लगाया जब उसे पता चला कि तीन चीनी नागरिक जो पहले 2018 और 2021 के बीच एक अन्य चीनी व्यक्ति के साथ भारत से चले गए थे, इस चीनी नागरिक का संबंध लगभग 23 कंपनियों से था। आरोप है कि इसमें उनकी मदद सीए नितिन गर्ग ने की थी।

इसके बाद अब सामने आ रहा है कि इन कंपनियों में Vivo India के Accounts में बहुत बड़े पैमाने पर पैसा ट्रांसफर किया था।

यहाँ आपको जानकारी के लिए बता देते है कि Vivo India ने भारत में लगभग 1,25,185 करोड़ रुपये की सेल की, हालांकि इसी साल कब यह सेल की गई, Vivo की ओर से लगभग 62,476 करोड़ रुपये अलग कर लिए गए। यह कंपनी के टर्नओवर का लगभग आधे से ज्यादा पैसा है।

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ऐसा सामने आया कि इस पैसे को देश से बाहर भेजा गया, खासतौर पर इसे चीन में भेज गया था। ED के अनुसार ऐसा इसलिए किया गया था कि दिखाया जा सके कि कंपनी को बड़ा घाटा हुआ है। ऐसा करने से कंपनी भारत में टैक्स भरने से बच सकती थी।

अब इस केस में बड़ी बड़ी गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं, अब देखना होगा कि आने वाले समय में इस केस को लेकर क्या देखने को मिलता है।

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं।

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