केंद्र सरकार मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक घड़ियों जैसे सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक सार्वभौमिक चार्जर मॉडल अपनाने की संभावना पर विचार कर रही है और प्रस्ताव पर विचार जानने के लिए एक पैनल का गठन करेगी।
सूत्रों ने कहा कि केंद्र तीन विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगा जो प्रस्ताव पर सभी हितधारकों की राय लेने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि ग्रुप्स को अगस्त में ही सूचित कर दिया जाएगा और वे एक दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।
केंद्र सरकार मोबाइल फोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक घड़ियों जैसे सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक सार्वभौमिक चार्जर मॉडल अपनाने की संभावना पर विचार कर रही है और प्रस्ताव पर विचार जानने के लिए एक पैनल का गठन करेगी। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि केंद्र तीन विशेषज्ञ समूहों का गठन करेगा जो प्रस्ताव पर सभी हितधारकों की राय लेने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
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उन्होंने आगे बताया कि ग्रुप्स को अगस्त में ही सूचित कर दिया जाएगा और वे एक दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बुधवार को मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर यूनिवर्सल चार्जर मॉडल को अपनाने पर उनके विचार जानने के बाद यह निर्णय लिया।
बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने की।
फिक्की, सीआईआई और एसोचैम जैसे उद्योग निकाय, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद निर्माता निकायों के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे। इस अवधारणा को आगे बढ़ाने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की प्रतिबद्धता से उभरा, जिसकी घोषणा उन्होंने पिछले साल ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में की थी।
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साथ ही, सरकार ने चिंता व्यक्त की है कि सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए अलग-अलग चार्जर के अधिक उपयोग के कारण, ई-खपत में खतरनाक वृद्धि हुई है जिससे उत्सर्जन का स्तर अधिक होता है। इस चिंता ने सरकार को सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक सार्वभौमिक चार्जर अपनाने के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है।