हम जानते है कि ऑनलाइन फ्रॉड आदि से देश के लोगों को बचाने और उन्हें जागरूक करने के लिए सरकार नए नए कदम उठाती रहती है। ऐसा ही एक कदम सरकार ने कुछ समय पहले उठाया था, सरकार (TRAI/ट्राई) ने इसे लेकर टेलिकॉम कंपनियों को सख्त दिशा निर्देश दिए थे, हालांकि सरकार ऐसा कई बार कई चुकी थी, लेकिन इस बार सरकार कुछ ज्यादा ही सख्त नजर आई। सरकार के इस कदम से जो फायदा हुआ है। वह सभी के साथ साझा करने वाली खुशी की बात है। असल में ऐसा देखा जा रहा है, इसे ऐसे भी कह सकते है कि सरकार के इस निर्देश का असर साफ नजर आ रहा है। इस समय सामने आ रही एक रिपोर्ट ऐसा कहती है कि स्पैम कॉल और मैसेज की संख्या में भारी गिरावट आई है। इसका मतलब है कि सरकार की सख्ती काम आ रही है।
आपको जानकारी के लिए बता देते है कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने बताया कि अक्टूबर में अनरजिस्टर्ड सेंडर्स से स्पैम कॉल की शिकायतें 1,51,000 दर्ज की गईं थी, जो सख्ती के बाद कहीं न कहीं घटकर अगस्त महीने में 20% तक कम हो गई है। इसे एक बेहतरीन आंकड़ा कह सकते हैं, जो सभी के काम का है।
हमने आपको अभी बताया है कि कुछ समय पहले यानि अगस्त में TRAI ने नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रमोशनल वॉयस कॉल को बढ़ावा देने वाले किसी भी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश जारी किया था जो अब काम करता नजर आ रहा है। इस निर्देश के बाद जो बदलाव हुआ है वह हम सभी के सामने है।
यहाँ आपको यह भी बता देते है कि सरकार ने जो निर्देश किया था, उसके अनुसार उल्लंघन करने वालों को बड़ी और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया था, जैसे इन निर्देशों में टेलीकॉम संसाधनों का डिसकनेक्शन, दो साल तक ब्लैकलिस्टिंग, और ब्लैकलिस्टिंग के दौरान नए संसाधनों के आवंटन पर प्रतिबंध आदि शामिल था।
जैसा कि रिपोर्ट कहती है कि अगस्त में 1,89,000 शिकायतें दर्ज की गई थीं, जो सितंबर में घटकर 1,63,000 हो गईं। TRAI ने कहा कि इन निर्देशों के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने व्यापक कदम उठाए, जिससे स्पैम कॉल्स की शिकायतों में महत्वपूर्ण कमी आई। TRAI ने यह भी बता है कि एन्हांस्ड मैसेज ट्रेसबिलिटी प्रावधान के तहत अब तक 13,000 से अधिक प्रिंसिपल एंटिटीज़ (PEs) ने अपनी चेन रजिस्टर कराई हैं, और यह प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
TRAI ने अगस्त में यह निर्देश जारी किया था कि 1 नवंबर 2024 से सेंडर्स/प्रिंसिपल एंटिटीज़ द्वारा भेजे गए सभी मैसेज ट्रेस किए जा सकें। तकनीकी अपग्रेड और PEs एवं टेलीमार्केटर्स (TMs) द्वारा चेन डिक्लेरेशन के लिए समय देने हेतु अक्टूबर में इस समयसीमा को 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था। इसके अलावा सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अब SMS ट्रेसबिलिटी के लिए तकनीकी समाधान भी शुरू किए हैं।
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