भारत की बात की जाए तो यह दुनिया में इंटरनेट (Internet) उपयोगकर्ताओं (Internet Users) की दूसरी सबसे बड़ी संख्या वाला देश है, अर्थात् हमारे देश में इंटरनेट (Internet) इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बेहद ज्यादा है। लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गति (High Speed) वाले इंटरनेट (Internet) कनेक्टिविटी (connectivity) की पहुँच से दूर देश का एक बड़ा हिस्सा है। इस समस्या का समाधान सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (broadband connectivity) हो सकता है जो दूर-दराज के क्षेत्रों को भी कवर करेगा जहां दूरसंचार टावरों (Telecom Towers) या फाइबर कनेक्शन (fiber connection) तक पहुंचना मुश्किल है। भारत में पहले से ही तीन कंपनियां सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड (Broadband) इंटरनेट (Internet) प्रदान करने की योजना बना रही हैं, और इसमें शामिल होने वाली लेटेस्ट कंपनी (latest Company) के तौर पर टाटा (Tata) समूह की नेल्को (Nelco) को माना जा रहा है। इसे भी पढ़ें: Vi (Vodafone Idea) ने जियो को मात देने के लिए चली गजब की चाल, अब 2GB नहीं डेली मिलेगा 4GB डेली डेटा
ईटी टेलीकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेल्को कनाडा (nelco Canada) की फर्म टेलीसैट (telesat) के लाइटस्पीड ब्रांड (Lightspeed Brand) के जरिए भारत में सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड सेवाएं (Broadband Services) देने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों कंपनियां व्यवस्था के अंतिम चरण में हैं, और 2024 तक भारत में अपनी सेवाएं देने की योजना बना रहा है। सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड सेवाओं (Sattelite Broadband Services) का उद्देश्य उन समस्याओं को हल करना है जो मोबाइल इंटरनेट (Internet) या फाइबर ब्रॉडबैंड नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह तीनों में से सबसे महंगा भी है। टाटा (Tata) और टेलीसैट (telesat) ने बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) मॉडल पर काम करने की योजना बनाई है, जिसमें दूरसंचार कंपनियों (Telecom Companies) को सैटेलाइट (Sattelite) बैंडविड्थ की पेशकश की जाएगी ताकि वे उन क्षेत्रों को इंटरनेट (Internet) मुहैया करा सकें जहां मोबाइल कनेक्टिविटी कमजोर है। दोनों कंपनियां भारत में सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड को किफायती बनाने के तरीकों पर भी काम करने की योजना बना रही हैं। इसे भी पढ़ें: अगर आप Airtel यूजर हैं तो पा सकते हैं Rs 4 लाख का लाभ¸जानें क्या है स्कीम
सैटेलाइट (Sattelite) ब्रॉडबैंड सेवाओं (Sattelite Broadband Services) के लिए टेलीसैट (telesat) की वैश्विक योजना में लगभग 298 LEO उपग्रहों/सैटेलाइट (Sattelite) के समूह के लिए लगभग 5 बिलियन डॉलर का निवेश शामिल है। हालांकि महंगे, LEO उपग्रह/सैटेलाइट (Sattelite) पारंपरिक निश्चित-उपग्रह नेटवर्क की तुलना में मजबूत संकेत और तेज गति प्रदान करते हैं क्योंकि वे पृथ्वी के करीब परिक्रमा करते हैं। एक बार नई स्पेसकॉम नीति, जो LEO सैटेलाइट (Sattelite) सिस्टम ऑपरेटरों के लिए बेहतर स्पष्टता प्रदान करती है और इन-कंट्री सैटेलाइट (Sattelite) गेटवे (gateway) स्थापित करती है, टेलीसैट (telesat) और टाटा (Tata) ने अपनी उपग्रह ब्रॉडबैंड सेवाओं (Sattelite Broadband Services) के साथ चीजों को और आगे ले जाने की योजना बनाई है। इसे भी पढ़ें: इसे कहते हैं धाकड़ प्लान! 600GB बिना लिमिट डेटा, 365 दिन की वैलिडिटी, ये हैं BSNL का धांसू प्लान
टेलीसैट (telesat) भारत में सैटेलाइट (Sattelite) इंटरनेट (Internet) के लिए भारती एंटरप्राइजेज (Bharti Enterprises) सपोर्ट वाली वनवेब (Oneweb), एलोन मस्क (Elon Musk) के स्टारलिंक (Starlink) और यहां तक कि अमेजन (Amazon) से भी जुड़ जाएगा। वनवेब (Oneweb) मई 2022 तक भारत में अपनी सेवाएं (Services) देने की योजना बना रहा है जो ऐसा करने वाली पहली कंपनी बन जाएगी। मस्क (Elon Musk) का स्टारलिंक (Starlink) 2022 की लॉन्च टाइमफ्रेम के लिए भी लक्ष्य कर रहा है, कंपनी पहले से ही अपनी सैटेलाइट (Sattelite) इंटरनेट (Internet) सेवाओं के लिए प्री-बुकिंग एप्लिकेशन स्वीकार कर रही है। इसे भी पढ़ें: Reliance Jio ने फिर किया एयरटेल और Vi पर हमला, बिना किसी डेटा लिमिट के लाया 5 नए प्लान, देखें कीमत