दुनिया के जाने माने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का आज 76 साल की उम्र में निधन हो गया। हॉकिंग की मौत से पूरी दुनिया में लोग शोक में है, और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अब व्हीलचेयर पर ये मुस्कुराता हुआ चेहरा तो नहीं दिखेगा, लेकिन हॉकिंग एक प्रेरणा की तरह कई लोगों के दिलों और जिंदगी में जरुर मुस्कुराते रहेंगे।
अमेज़न पर डिस्काउंट रेट में मिल रहे हैं ये स्मार्टफोंस
8 जनवरी 1942 को जन्में स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को विज्ञान की क्षेत्र में बहुत कुछ दिया है, जिसमें ब्लैक होल थ्योरी सबसे महत्वपूर्ण है। हॉकिंग ने दुनिया को बताया कि क्वांटम इफेक्ट्स की वजह से कैसे ब्लैक होल गर्मी फैलाते हैं। उन्होंने बताया कि ब्लैक होल का आकार सिर्फ़ बढ़ता है, घटता नहीं है।
1959 में हॉकिंग ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में स्नातक की पढ़ाई शुरू की थी और भौतिक विज्ञान में अपनी डिग्री हासिल करने के बाद हॉकिंग ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैंब्रिज कोस्मोलॉजिस्ट डेनिस स्काइमा के निर्देशन में पीएचडी शुरू की।
हॉकिंग जैसे ब्राइट स्टूडेंट ने 17 साल की उम्र से स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दी थी, लेकिन 21 साल की उम्र में ही उन्हें ALS यानि, एम्योट्रॉफिक लेटरल स्क्लेरोसिस नाम की एक खतरनाक बीमारी ने जकड़ लिया। हालांकि, इस बीमारी ने उनके शरीर को तो लकवाग्रस्त कर दिया लेकिन उनके हौसले को तोड़ नहीं पाई और वो एक काबिल वैज्ञानिक के रूप में मशहूर हुए, जिनकी तुलना आइंस्टीन से भी की जाती थी।
फ्लिपकार्ट पर डिस्काउंट रेट में मिल रहे हैं ये स्मार्टफोंस
हॉकिंग ने क्वांटम थ्योरी और जनरल रिलेटीविटी के बारे में अहम जानकारी दी। उन्होंने क्वांटम थ्योरी के जरिये परमाणु के बारे में बताया, तो जनरल रिलेटीविटी थ्योरी के जरिये ब्रह्मांड और आकाशगंगा के बारे में जानकारी दी।
हॉकिंग की बीमारी के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि वो ज्यादा से ज्यादा और 5 साल जीवित रह सकेंगे, लेकिन वो 55 साल तक मौत को मात देते रहें और लोगों को विज्ञान की क्षेत्र में सौगात देते रहें।